नई दिल्ली : प्रीमेच्योर ग्रे हेयर आजकल आम समस्या है। समय से पहले ही लोगों के बाल सफेद हो जा रहे हैं। जिन्हें ढंकने के लिए ज्यादातर (mostly)लोग हेयर डाई और कलर का इस्तेमाल (use)करने लगते हैं। नतीजा बालों का नेचुरल कलर पूरी तरह से उड़ जाता है। ऐसे में बालों को सफेद करने के लिए केवल समय और पैसे बर्बाद होते हैं। जबकि ये सफेद बाल पर्मानेंट कभी काले नहीं हो पाते। उम्र से पहले अगर बाल सफेद हो रहे हैं तो इन्हें रंगने के बजाय जानिए किन कारणों से बालों के रंग का नुकसान हुआ है।
शरीर में न्यूट्रिशन और विटामिन की कमी सफेद बालों का कारण होती है। खासतौर पर विटामिन बी12 जरूरी विटामिन है जो नर्वस सिस्टम की हेल्थ को दुरुस्त रखता है और दिमाग को ठीक से चलाने में हेल्प। इसके साथ ही शरीर को प्रोटीन रिच फूड जो साथ में पोटैशियम भी दें। इन विटामिन और न्यूट्रिशन की कमी बालों के सफेद होने कारण होती है।
आजकल काम का प्रेशर लोगों पर हावी होता जा रहा है। करियर और फैमिली के चक्कर में ज्यादा तनाव बालों को सफेद बना रहा है। तनाव शरीर के ऑर्गंस को तेजी से बूढ़ा बनाता है। साथ ही बालों पर भी इसका असर दिखता है। जिसकी वजह से बाल उम्र से पहले ही सफेद हो जाते हैं।
बालों के सेल्स फॉलिकल्स दो तरह के मेलानिन प्रोड्यूस करते हैं। फियोमेलानि और इयोमेलानिन। इन दोनों के जुड़ने से बालों को काला रंग मिलता है। इन दोनों मेलानिन में किसी एक की भी कमी बालों को सफेद या ग्रे बना देती है।
30 साल की उम्र से पहले बालों के सफेद होना का सीधा कनेक्शन स्मोकिंग से है। स्मोकिंग केवल फेफड़े और हार्ट को ही नुकसान नहीं पहुंचाता। स्मोकिंग की वजह से ब्लड वेसल्स से ब्लड का फ्लो हेयर फॉलिकल्स तक नहीं पहुंचता। जिसका नतीजा बाल सफेद होते हैं और झड़ते हैं। स्मोकिंग के टॉक्सिंस हेयर फॉलिकल्स को डैमेज कर देते हैं।
डिहाइड्रेशन
बालों के समय से पहले सफेद होने की वजह पानी की कमी भी होती है। जिसकी वजह से बाल रूखे और बेजान दिखते हैं। साथ ही बिना मॉइश्चर के सफेद दिखना शुरू हो जाते हैं।