आयुर्वेद में अर्जुन के पेड़ को कई औषधीय गुणों से भरा हुआ बताया गया है। अर्जुन के पेड़ की छाल भी सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती है। इस पेड़ की छाल का पाउडर बनाकर उपयोग किया जाता है। से जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, अर्जुन की छाल से स्ट्रोक, हार्ट अटैक और हार्ट फेल जैसे हार्ट संबंधी रोगों का इलाज किया जा सकता है।
अर्जुन का पेड़ भारत में हिमालय की तराई, उत्तरप्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश में ज्यादा पाया जाता है। अर्जुन के पेड़ में बीटा-सिटोस्टिरोल, इलेजिक एसिड, ट्राईहाइड्रोक्सी ट्राईटरपीन, मोनो कार्बोक्सिलिक एसिड, अर्जुनिक एसिड पाया जाता है, जिस कारण यह रोग को दूर करने के लिए काफी उपयोगी माना जाता है। अर्जुन की छाल से हृदय रोग, क्षय, पित्त, कफ, सर्दी, खांसी, अत्यधिक कोलेस्ट्रॉल और मोटापे जैसी बीमारी को दूर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा यह महिलाओं के लिए भी काफी उपयोगी है। खूबसूरती बढ़ाने वाली क्रीम के अलावा स्त्री रोगों में भी यह बहुत काम की औषधि है।
स्तन कैंसर को रोकती है अर्जुन की छाल
कई रिसर्च में खुलासा हुआ है कि अर्जुन के पेड़ में कसुआरिनिन नाम का रासायनिक घटक पाया जाता है। इसके कारण शरीर में कैंसर की कोशिकाएं फैल नहीं पाती है। विशेषकर स्तर कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में अर्जुन की छाल बड़े काम की है। यदि गर्म दूध में अर्जुन के पेड़ की छाल को बारिक पीसकर रोज सेवन किया जाए तो स्तन कैंसर से बचा जा सकता है।
दिल के रोगियों के लिए रामबाण औषधि
अर्जुन की छाल दिल के रोगियों के लिए एक असरकारक दवा है। जिनका कोलेस्ट्रॉल बढ़ा है और थोड़ा भी पैदल चलने पर सांस फूलने लगती है, उन्हें अर्जुन की छाल की चाय अवश्य पीनी चाहिए। अर्जुन की छाल धमनियों में जमने वाले कोलेस्ट्रॉल और ट्रायग्लूसराइड को कम करती है। इससे दिल को रक्त पहुंचाने वाली धमनियां सुचारू काम करने लगती हैं। इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि कोलेस्ट्रॉल या ट्राइग्लूसराइड का ज्यादा बढ़ना दिल के लिए घातक हो जाता है। इससे कई बार हार्ट अटैक आने का भी खतरा रहता है। ऐसे मरीजों को रोज अर्जुन की छाल का इस्तेमाल किसी न किसी रूप में अवश्य करना चाहिए।
डायबिटिज के रोगी ऐसे करें अर्जुन की छाल का प्रयोग
अर्जुन की छाल एक साथ कई बीमारियों को साध सकती है। कैंसर व दिल से संबंधित बीमारियों के अलावा डायबिटीज की बीमारी को नियंत्रित करने में अर्जुन की छाल बड़े काम की औषधि है। लेकिन इसके लिए अर्जुन की छाल के साथ देसी जामुन को समान मात्रा मिलाकर पीसकर चूर्ण बना लेना चाहिए। इस चूर्ण को रोज सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ लेना डायबिटीज के मरीज के लिए फायदेमंद होता है।
रुक जाता है मोटापा बढ़ना
अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से मोटापे की बीमारी भी नहीं होती है क्योंकि पाचन तंत्र इसके लगातार सेवन से ठीक रहता है। यदि लगातार इसका सेवन किया जाए तो सिर्फ एक माह के इसका असर देखा जा सकता है। अर्जुन की छाल इम्यून सिस्टम को भी मजबूत करती है, जिससे सर्दी खांसी जैसी बीमारियां भी नहीं होती हैं।
मुंह के छाले होते हैं दूर
अर्जुन की छाल चूंकि पेट साफ करती है और इसकी तासीर ठंडी होती है इसलिए यदि इसका रोज सेवन किया जाए तो कभी भी मुंह में छाले नहीं होते हैं। इसके अलावा यह खून को बगैर दवा लिए प्राकृतिक रूप में पतला करने भी औषधि है। इसके सेवन से हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी पैदा नहीं होती है।
जुड़े डॉ. लक्ष्मीदत्ता शुक्ला के अनुसार, अर्जुन की छाल की तासीर ठंडी होती है। गर्मी में यह फायदेमंद हो सकती है, लेकिन जिन लोगों को सर्दी जुकाम रहता है, वे आयुर्वेदाचार्य की सलाह के बिना सेवन न करें।