श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सेना का चीता हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ है। हादसे की सूचना मिलते ही सुरक्षाबलों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है। यहां इस समय मौसम बेहद खराब चल रहा है। बर्फबारी के चलते घटनास्थल तक पहुंचने में भी दिक्कत है। हादसे की वजह अभी सामने नहीं आ सकी है। यह जानकारी डिफेंस ऑफिशियल्स ने दी। कहा जा रहा है कि पायलट और को-पायलट सुरक्षित बाहर निकल गए थे। हादसा दोपहर करीब 12 बजे बरौम गुरेज में हुआ। रक्षा विभाग के अधिकारी ने कहा कि दुर्घटना के बारे में तथ्य जुटाए जा रहे हैं। दुर्घटना की सूचना मिलने के तत्काल बाद ही बचाव अभियान शुरू कर दिया गया था। बता दें कि 26 फरवरी को तेलंगाना के नलगोंडा जिले में हेलिकॉप्टर क्रैश होने से दो पायलटों की मौत हो गई थी। हेलिकॉप्टर हवा में बेकाबू होकर खेत में क्रैश हुआ था।
शुरुआती जानकारी के अनुसार, दुर्घटनाग्रस्त हेलिकॉप्टर ने गुरेज के तुलैल इलाके से नियमित उड़ान भरी थी। लेकिन कुछ देर बाद उसका एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क टूट गया। बाद में जानकारी मिली कि हेलिकॉप्टर दुर्घटना का शिकार हो गया है। इसके बाद भारतीय सेना ने गुजरान नाला इलाक में रेस्क्यू टीम रवाना की। बता दें कि चीता हेलिकॉप्टर में एक इंजनप होता है। लेकिन इस हेलिकॉप्टर में मूविंग मैप डिस्प्ले, ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम और वेदर रडार जैसी सुविधाएं नहीं होती हैं। चीता में ऑटोपायलट सिस्टम भी नहीं है। यानी यह खराब मौसम में पायलट के लिए दिक्कतें पैदा कर देता है। पायलट रास्ता भटक जाते हैं। भारतीय सेना के पास 200 चीता हेलीकॉप्टरों का बेड़ा है। अगर कुछ सालों की बात करें, तो 30 से अधिक दुर्घटनाओं में 40 से अधिक अधिकारियों की मौत हो चुकी है।
अगर IAF के अन्य हेलिकॉप्टरों की बात करें, तो 4 बड़े हादसे
देश के पहले CDS रहे जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश की घटना के बाद देशभर में हुई इस तरह की घटनाएं फिर से याद आ गईं। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान रक्षा राज्य मंत्री ने लोकसभा में बताया कि पिछले 5 सालों में IAF के 4 विमान क्रैश हुए। इनमें 21 लोगों की जान गई।
रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री अजय भट्ट ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान 18 दिसंबर को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में लिखित में बताया था कि पिछले 5 सालों में भारतीय वायु सेना(IAF) के 4 MI-17V5 हेलिकॉप्टर क्रैश हुए। इनमें 21 लेागों की जान गई। देश के पहले CDS रहे जनरल बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर क्रैश की घटना के बाद देशभर में हुई इस तरह की घटनाएं फिर से याद आ गईं। पिछले 5 सालों में यह सबसे बड़ा हादसा था।
बिपिन रावत के हेलिकॉप्टर हादसे ने कई सवाल खड़े किए
तमिलनाडु के नीलगिरी में 8 दिसंबर को हुए इस हादसे में CDS रहे जनरल बिपिन रावत सहित 14 लोगों की जान चली गई थी। इस मामले की जांच रक्षा मंत्रालय द्वारा गठित तीन स्तरीय जांच समिति(tri-services inquiry) कर रही है। उम्मीद है अगले 2 हफ्ते में यह जांच रिपोर्ट सामने आ जाएगी। रक्षा मंत्रालय के अनुसार पिछली तीन दुर्घटनाएं नवंबर 2021, 3 अप्रैल, 2018 और अक्टूबर 2017 में हुई थीं, जिसमें सात लोग मारे गए थे।
एमआई-17 (MI-17V5) हेलिकॉप्टर भारतीय वायु सेना में सबसे सुरक्षित हेलिकॉप्टर माना जाता है। भारत ने रूस से 80 एमआई-17 हेलिकॉप्टर खरीदे हैं। 2011 में पहली, जबकि 2018 में अंतिम खेप आई थी। बिपिन रावत सहित अब तक 6 हादसे हो चुके हैं।
अरुणाचल प्रदेश, 18 नवंबर 2021: लैंडिंग के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुआ था। हालांकि पांचों क्रू सदस्य सुरक्षित बच गए थे।
केदारनाथ धाम, 23 सितंबर 2019: टेकऑफ करते समय हेलिकॉप्टर क्रैश हुआ था। हादसे में पायलट सहित सभी 6 लोग सुरक्षित बच गए थे।
जम्मू-कश्मीर, 27 फरवरी 2019: बडगाम जिले में क्रैश हो गया था। इममें वायुसेना के 6 अधिकारियों सहित एक आम नागरिक की मौत हो गई थी।
केदारनाथ धाम, 03 अप्रैल 2018: यह विमान गुप्तकाशी से कंस्ट्रक्शन सामग्री लेकर आ रहा था।
अरुणाचल प्रदेश, 06 मई 2017: उड़ान भरने के दौरान हादसा हुआ था। इस दुर्घटना में पांच जवान शहीद हुए थे। दो अन्य लोग भी मारे गए थे।