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आर्थराइटिस के मरीज इन चीजों के सेवन से रहें दूर, वरना बढ़ सकती है दिक्‍कत

नई दिल्ली : आर्थराइटिस जोड़ों में दर्द या इन्फ्लेमेशन की एक जटिल समस्या है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 40 प्रतिशत पुरुष और 47 प्रतिशत महिलाएं अपने जीवनकाल में आर्थराइटिस का शिकार होती हैं। डॉक्टर्स कहते हैं कि कुछ फूड शरीर में इनफ्लेमशन बढ़ाकर आर्थराइटिस को ज्यादा गंभीर बना सकते हैं। इसलिए आर्थराइटिस के मरीजों को ऐसी सभी चीजों से दूर रहना चाहिए।

गेहूं, जौ और जई जैसे अनाज में ग्लूटेन नाम का एक प्रोटीन होता है। इस प्रोटीन में कई तरह के तत्व पाए जाते हैं। इसमें ग्लाइडिन(glycine) नाम का भी एक तत्व होता है, जो कुछ लोगों के शरीर को नुकसान पहुंचाता है। ग्लूटन भी इन्फ्लेमेशन की समस्या बढ़ाता है, इसलिए डॉक्टर रहेयूमेटॉइड आर्थराइटिस (rheumatoid arthritis) से बचने के लिए ग्लूटन-फ्री डाइट लेने की सलाह देते हैं।

कुछ स्टडी में दावा किया गया है कि रेट मीट(rate meat) और प्रोसेस्ड मीट इन्फ्लेमेशन के लिए जिम्मेदार होते हैं, जो आर्थराइटिस के लक्षणों को बदतर कर सकते हैं। 25,630 पर हुई एक स्टडी में दावा किया गया है कि रेड मीट का ज्यादा सेवन इन्फ्लेमेटरी आर्थराइटिस का खतरा बढ़ा सकता है।

डॉक्टर्स कहते हैं कि आर्थराइटिस के रोगियों को अपने खान-पान में शुगर की मात्रा को बैलेंस रखना चाहिए। कैंडी, सोडा, आइसक्रीम या सॉस जैसे किसी भी ‘ऐडड शुगर’ फूड्स को खाने से बचें। 217 लोगों पर हुए एक अध्ययन में शुगर युक्त 20 ऐसी चीजों की पहचान की गई थी जो रहेयूमेटॉइड आर्थराइटिस का जोखिम बढ़ाती हैं।

एक्सपर्ट कहते हैं कि आर्थराइटिस में नमक की संतुलित मात्रा का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। कैन सूप, पिजा, चीज़ या प्रोसेस्ड मीट जैसे खाद्य पदार्थों में नमक की अत्यधिक मात्रा होती है। चूहों पर 62 दिन तक हुई एक स्टडी के मुताबिक, संतुलित मात्रा में नमक रहेयूमेटॉइड आर्थराइटिस का खतरा कम करता है।

ओमेगा-6 फैट में हाई और ओमेगा-3 फैट (omega-3 fats) में लो डाइट भी ऑस्टियोआर्थराइटिस और रहेयूमेटॉइड आर्थराइटिस के मामले में खतरनाक हो सकती है। शरीर के लिए ये दोनों ही फैट बहुत जरूरी हैं, लेकिन बहुत सी वेस्टर्न डाइट में ओमेगा-6 और ओमेगा-3 का रेशियो इम्बैलेंस इन्फ्लेमेशन के लिए जिम्मेदार हो सकता है। इसलिए जब आप मछली से मिलने वाले ओमेगा-3 फैट का सेवन करें तो उस वक्त वेजिटेबल ऑयल में मौजूद ओमेगा-6 फैट से परहेज करना चाहिए।

एडवांस्ड ग्लाइकेशन एंड प्रोडक्ट्स (AGEs) शुगर, प्रोटीन और फैट के बीच रिएक्शन से पैदा होने वाले अणु होते हैं। ये आमतौर पर जानवरों के कच्चे मांस (raw meat) या कई तरह के कुकिंग मेथड की वजह से उत्पन्न होते हैं। हाई प्रोटीन या हाई फैट एनिमल फूड जिसे फ्राइड, रोस्टेड, ग्रिल्ड या ब्रॉइल युक्त डाइट AGEs का मुख्य स्रोत हैं। इन्फ्लेमेशन आर्थराइटिस में ऐसी चीजों से सख्त परहेज करना चाहिए।

इन्फ्लेमेटरी आर्थराइटिस से जूझ रहे मरीजों को निश्चित तौर पर एल्कोहल का सेवन बंद कर देना चाहिए। स्पॉडिलोआर्थराइटिस से पीड़ित 278 मरीजों पर हुई एक स्टडी के मुताबिक, इन्फ्लेमेटरी आर्थराइटिस स्पाइनल कॉर्ड और सैक्रोइलियक पर बुरा असर डालता है। ऐसे लोगों में एल्कोहल का सेवन उनके स्पाइनल स्ट्रक्चर को भी डैमेज करता है।

अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड आइटम्स में रिफाइंड ग्रेन्स, एक्स्ट्रा शुगर और कई तरह के इन्फ्लेमेटरी इन्ग्रिडिएंड्स शामिल होते हैं। इस तरह की चीजें भी आर्थराइटिस के रोगियों की दिक्कतें बढ़ा सकती हैं। रहेयूमेटॉइड आर्थराइटिस के 56 मरीजों पर हुआ एक शोध बताता है कि अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड के अत्यधिक सेवन से हार्ट डिसीज और हाई ब्लड शुगर की भी समस्या हो सकती है।

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