दिल्ली में कभी भी हो सकती है कृत्रिम बारिश, जानें मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्या कहा

नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली में दिवाली के बाद वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है, जिससे आम जनता को सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। प्रदूषण के इस स्तर को कम करने के लिए दिल्ली सरकार ने 29 अक्टूबर को क्लाउड सीडिंग यानी कृत्रिम बारिश कराने का फैसला लिया है। यदि विजिबिलिटी ठीक रहती है, तो आज ही क्लाउड सीडिंग की जा सकती है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने क्लाउड सीडिंग को लेकर बताया कि वर्तमान में खराब मौसम के कारण विजिबिलिटी 2000 मीटर है, लेकिन यदि यह 5000 मीटर हो जाती है, तो प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उन्होंने कहा, “अगर सब कुछ ठीक रहा, तो 2 घंटे के अंदर दिल्ली में कृत्रिम बारिश हो जाएगी।” सेसना प्लेन कानपुर से उड़ान भर चुका है।
मंत्री ने आगे बताया कि एयरक्राफ्ट ने आईआईटी कानपुर से दोपहर 12:20 बजे के करीब टेकऑफ कर लिया है, लेकिन अभी मौसम खराब है और विजिबिलिटी कम है। यदि मौसम अनुकूल हो जाता है और विजिबिलिटी बढ़ जाती है, तो एयरक्राफ्ट मेरठ में लैंड कर सकता है। अन्यथा, क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया पूरी करके एयरक्राफ्ट कानपुर ही वापस लौट जाएगा। सिरसा के अनुसार, एयरक्राफ्ट के जरिए बादलों पर पायरो तकनीक से सीडिंग की जाएगी, जिससे बारिश होगी। इससे वायु प्रदूषण में सुधार की उम्मीद है। दिल्ली में इस तरह का प्रयोग पहली बार हो रहा है।
अगले 2-4 घंटे में बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने पहले ही 28, 29 और 30 अक्टूबर को बादल छाए रहने की संभावना जताई थी, जिसके आधार पर आज क्लाउड सीडिंग का फैसला लिया गया। आईआईटी कानपुर के नेतृत्व में दिल्ली सरकार की इस कृत्रिम वर्षा पहल में शहर के कई स्थानों पर क्लाउड सीडिंग परीक्षण किया जा रहा है। यदि मौसम अनुकूल रहता है, तो दिल्ली में अगले 2 से 4 घंटे के भीतर पहली कृत्रिम बारिश हो सकती है। इसका मुख्य उद्देश्य प्रदूषण कणों को कम करना है।
क्लाउड सीडिंग कैसे होगी?
क्लाउड सीडिंग एक प्रकार की कृत्रिम बारिश है, जो सीमित समय के लिए होती है। इसमें एयरक्राफ्ट की मदद से बादलों में विशेष केमिकल डाले जाते हैं, जो पानी की बूंदें बनाते हैं और बारिश कराते हैं। इस प्रक्रिया में काफी खर्च भी आता है। दिल्ली सरकार ने क्लाउड सीडिंग के 5 ट्रायल्स के लिए कुल 3.21 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यदि यह सफल रहती है, तो दिल्लीवासियों को प्रदूषण से राहत मिल सकती है।



