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‘भारत का अभिन्न हिस्सा है अरूणाचल प्रदेश’, अमेरिकी सीनेट में पेश किया गया दुर्लभ प्रस्ताव

नई दिल्ली : एलएसी पर भारत और चीन के बीच चल रहे तनाव के बीच अमेरिकी सीनेट में चीन की निंदा करते हुए भारत के समर्थन में बेहद दुर्लभ प्रस्ताव पेश किया गया है, जिसमें ना सिर्फ अरूणाचल प्रदेश से सटे सरहदी क्षेत्र में चीन की आक्रामकता की निंदा की गई है, बल्कि प्रस्ताव में अरूणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया गया है। अमेरिकी सीनेट में पेश किया गया ये प्रस्ताव काफी अहम है और अमेरिका-भारत के बीच के बढ़ते रणनीतिक संबंध को दर्शाता है।

चीन को लेकर ऐसा पहली बार है, जब अमेरिका से भारत को इस तरह का सीधा समर्थन मिला है, नहीं तो इससे पहले अमेरिका की तरफ से भारत और चीन तनाव पर गोलमोल बयान जारी किया जाता था और इसमें अमेरिका की बचकर निकलने की कोशिश होती थी। लेकिन, इस बार अमेरिकी सीनेट में दोनों पार्टियों के तीन सीनेटर्स ने इस प्रस्ताव को पेश किया है, लिहाजा ये प्रस्ताव द्विदलीय प्रस्ताव बन गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, तीन शक्तिशाली सीनेटरों ने संयुक्त राज्य अमेरिका सीनेट में गुरुवार को एक प्रस्ताव पेश किया है, जो पुष्टि करता है, कि अरुणाचल प्रदेश राज्य “भारत का अभिन्न अंग” के रूप में, भारत की “संप्रभुता और क्षेत्रीयता” और अखंडता का समर्थन करता है”। इस प्रस्ताव में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) और चीन के अन्य उकसावों और यथास्थिति को बदलने के लिए “सैन्य बल के उपयोग” की निंदा की गई है। सीनेट में पेश किए गये प्रस्ताव में भारत के चीन के खिलाफ “खुद का बचाव” करने के लिए उठाए गए कदमों के लिए भारत सरकार की सराहना की गई है।

अमेरिकी सीनेट में ये प्रस्ताल सीनेटर जेफ मार्कले, बिल हैगर्टी और जॉन कॉर्निन ने संयुक्त तौर पर पेश किया है, जिसमें भारत के रक्षा आधुनिकीकरण और विविधीकरण का समर्थन किया गया है और ये प्रस्ताव अरुणाचल में भारत के विकास प्रयासों की सराहना करता है, जिसमें सीमा के बुनियादी ढांचे में सुधार शामिल है। ये प्रस्ताव कहता है, कि अरूणाचल क्षेत्र में अमेरिक सहायता को और गहरा करने के लिए प्रतिबद्ध है और ये प्रस्ताव समान विचारधारा वाले भागीदारों को प्रोत्साहित करता है, जिसमें अरूणाचल के लिए सहायता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही सीनेट में पेश प्रस्ताव में क्रिटिकल एंड इमर्जिंग टेक्नोलॉजी (आईसीईटी) पर हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच हुए समझौते पर समर्थन जताया गया है।

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