ईटानगर : देश में होने वाले साल 2024 के आम चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है. चुनाव से पहले नेताओं की राजनीतिक दलों में आवाजाही जारी है. आम चुनाव से पहले बीजेपी ने अरुणाचल प्रदेश और ओडिशा में बड़ा खेल कर दिया है. अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस-NPP के 4 MLA और ओडिशा में पटनायक के करीबी की ‘भाजपा’ में एंट्री हो गई है.
विपक्षी विधायकों के बीजेपी में शामिल होने की जानकारी खुद अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने दी है. उन्होंने विधायक के बीजेपी में शामिल होने की तस्वीरें साझा कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक लंबा-चौड़ा पोस्ट भी लिखा है. मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने लिखा, वरिष्ठ कांग्रेस विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री निनॉन्ग एरिंग, वांगलिन लोवांगडोंग और एनपीपी के मुच्चू मीठी, गोकर बसर ने भी कार्यक्रम में भाजपा का दामन थाम लिया है. इन सभी का भाजपा में शामिल होना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समर्थित सुशासन के सिद्धांतों में उनके विश्वास का प्रमाण है. जो ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ पर काम कर रही है.
60 सदस्यीय विधानसभा में अब भाजपा के पास 53 विधायक हैं, जबकि तीन निर्दलीय विधायकों ने सरकार को बाहर से समर्थन दे रखा है. पूर्वोत्तर में लोकसभा चुनाव के साथ विधानसभा चुनाव भी होने हैं.
वहीं, अरुणाचल के अलावा ओडिशा में भी नेताओं की एक दल से दूसरे दल में आवाजाही जारी है. रविवार को पूर्व मंत्री और चार बार के बीजद विधायक देबासिस नायक और पूर्व कांग्रेस विधायक निहार रंजन मोहनंदा बीजेपी में शामिल हो गए. दोनों ने भाजपा के प्रदेश अध्या मनमोहन सामल, पूर्व अध्यक्ष समीर मोहंती और वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में बीजेपी ज्वाइन कर ली.
बीजेपी में शामिल होने के बाद देबासिस नायक ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत एक मजबूत देश बन गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि ओडिशा में नवीन पटनायक शासन नहीं कर रहे है. उनकी जगह कोई और शासन चला रहा है. जिन लोगों ने बीजद को खड़ा दिया और नवीन पटनायक को मुख्यमंत्री बनाया, उन्हें अब पार्टी में नजरअंदाज किया जा रहा है.
ओडिशा के जाजपुर जिले के बारी विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक नायक ने 20 फरवरी को बीजद से अपना इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपने इस्तीफे में कहा, भारी मन से, मैं तत्काल प्रभाव से अपना इस्तीफा सौंप रहा हूं. मुझे ओडिशा के लोगों के साथ-साथ पार्टी की सेवा करने का मौका देने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. हालांकि, उन्होंने अपने इस्तीफे की वजह नहीं बताई.
आपको बता दें कि देबासिस नायक पहली बार 2000 में बारी-डेराबिसी (अब बारी) सीट से विधायक चुने गए थे और 2004, 2009 और 2014 में तीन बार इसी सीट से उन्होंने जीत दर्ज की थी. हालांकि, बीजद ने उन्हें 2019 में टिकट देने से इनकार कर दिया. उन्होंने 2004 से 2008 तक पटनायक के अधीन मंत्री के रूप में भी कार्य किया.