बहरोड़ : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश के चहुंमुखी विकास और प्रदेशवासियों के कल्याण के लिए संकल्पित होकर कार्य कर रही है। सरकार के नीतिगत फैसलों और जनकल्याणकारी योजनाओं से समाज का प्रत्येक वर्ग लाभान्वित हुआ है। पिछले पांच वर्ष में राज्य ने आर्थिक, सामाजिक, चिकित्सा, शिक्षा, स्वास्थ्य, आधारभूत ढांचे का विकास सहित सभी क्षेत्रों में अभूतपूर्व प्रगति की है।
गहलोत गुरुवार को कोटपूतली-बहरोड़ जिले के काठूवास गांव में स्व. श्रीमती बिमला देवी एवं स्व. लेखरामजी ठेकेदार के प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्व. बिमला देवी एवं स्व. लेखरामजी ने अपने परमार्थ कार्याें और समाज सेवा से जनमानस में लोकप्रिय थे। उनकी प्रतिमाएं युवा पीढ़ी को हमेशा प्रेरणा देती रहेंगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान अपने कुशल वित्तीय प्रबंधन के कारण जीडीपी में उत्तर भारत में नम्बर 1 तथा देश में नम्बर 2 राज्य बन गया है। आईटी, दुग्ध उत्पादन और दलहन उत्पादन में भी राजस्थान देश का अव्वल राज्य है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले 5 सालों में 90 से अधिक विश्वविद्यालय और 310 महाविद्यालयों की स्थापना की गई है। वृहद स्तर पर उप तहसील, तहसील, सीएचसी, पीएचसी, प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय खोलकर प्रदेश का सर्वांगीण विकास किया गया है।
गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गांरटी योजना, आरजीएचएस जैसी योजनाएं देश में मिसाल बनी हैं। अन्य राज्य भी राजस्थान की योजनाओें और फैसलों का अनुसरण कर रहे हैं। उन्होंने केन्द्र सरकार से अपील की है कि वे भी राज्य सरकार की योजनाओं का अध्ययन कराकर देशभर में ऐसी योजनाएं लागू करें।
रूके कार्यों को प्रतिबद्धता से बढ़ाया आगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सरकार बनने के साथ ही पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं को बंद करने के बजाय सुदृढ़ कर आगे बढ़ाया। पूर्व में रूके जयपुर मेट्रो, बाड़मेर रिफाइनरी के विकास कार्यों को फिर से शुरू किया। केदारनाथ त्रासदी पीड़ितों को सरकारी सेवा में नियुक्ति देने के संवेदनशील निर्णय को फिर लागू किया गया। साथ ही, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के लिए 14 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत कर इसका कार्य शुरू करवाया जा रहा है। उन्होंने केन्द्र सरकार से ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने की मांग की।