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ASI ने ऐतिहासिक भोजशाला के मूल स्वरूप से की छेड़छाड़, सफाई दे सरकार : शंकराचार्य

bhojshala-dhar_650x400_71453470217दस्तक टाइम्स एजेन्सी/ इंदौर: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) पर मध्यप्रदेश की धार स्थित ऐतिहासिक भोजशाला के मूल स्वरूप से छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए काशी सुमेरू पीठ के शंकराचार्य नरेंद्रानंद सरस्वती ने आज मांग की कि सरकार को इस सिलसिले में सफाई देनी चाहिये।

शंकराचार्य ने भोजशाला का दौरा करने के बाद आज इंदौर में कहा, ‘भोजशाला में संगमरमर की दीवारों पर उर्दू के शब्द और धर्म विशेष के चिन्ह अंकित कर दिये गये हैं। भोजशाला का दूसरा दरवाजा भी खोल दिया गया है। सरकार को इस बारे में स्पष्टीकरण देना चाहिये।’

भोजशाला में मिटाया गया हिंदुओं के धार्मिक प्रतीक

नरेंद्रानंद सरस्वती ने दावा किया, ‘वर्ष 2004 में जब उमा भारती मध्यप्रदेश की मुख्यमंत्री थीं, तब भोजशाला के खंभों पर हिंदू अवतारों की आकृतियां उभरी हुई थीं। लेकिन अब इन खंभों को घिसकर समतल कर दिया गया है, जिससे ये आकृतियां मिट गयी हैं।’ उन्होंने आरोप लगाया कि एएसआई भोजशाला में हिंदुओं के धार्मिक प्रतीकों को मिटाकर इस स्थल को मस्जिद घोषित करने पर तुला है।

शंकराचार्य ने मांग की कि एएसआई के जिन अधिकारियों ने भोजशाला के मूल स्वरूप से कथित छेड़छाड़ की है, उन्हें तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जानी चाहिये। इसके अलावा, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि वह भोजशाला की उस सरस्वती प्रतिमा को भारत वापस लायें, जिसे अंग्रेज लूटकर इंग्लैंड ले गये थे और जो फिलहाल लंदन के एक संग्रहालय में रखी है।

प्रधानमंत्री सरस्वती प्रतिमा को इंग्लैंड से वापस लायें

शंकराचार्य ने कहा, ‘हम चाहते हैं कि प्रधानमंत्री सरस्वती प्रतिमा को इंग्लैंड से वापस लायें और हमें अपना खोया गौरव लौटायें।’ भोजशाला को एएसआई ने संरक्षित किया है। एक धार्मिक पक्ष का मानना है कि यह प्राचीन स्थान वाग्देवी (सरस्वती) का मंदिर है, जबकि दूसरा समुदाय इसे अपनी इबादतगाह बताता है।

एएसआई की ओर से की गयी व्यवस्था के मुताबिक हिंदुओं को प्रत्येक मंगलवार भोजशाला में पूजा करने की अनुमति है, जबकि मुस्लिमों को हर जुम्मे (शुक्रवार) को इस जगह नमाज अदा करने की इजाजत है। संयोग से इस बार बसंत पंचमी शुक्रवार (12 फरवरी) को पड़ रही है। इसके मद्देनजर प्रदेश सरकार कोशिश कर रही है कि इस दिन भोजशाला मसले को लेकर धार में कोई अप्रिय स्थिति पैदा न हो।

 

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