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एशिया का सबसे बड़ा ‘कबाड़ बाजार’ हुआ बंद, जहाँ चुटकियों में काट दी जाती थी चोरी की गाड़ियां

लखनऊ: यूपी की योगी आदित्यनाथ सरकार ने चोरी के वाहनों काटने के लिए कुख्यात मेरठ जिले के सोतीगंज मार्केट को बंद करा दिया है। इस बाजार में दिल्ली-NCR और देश के कई हिस्सों से चोरी की गई कारों को लाया जाता था और उसके कल-पुर्जों अलग-अलग कर बेच दिए जाते थे। पुलिस ने यह कार्रवाई ऐसे ही गैर कानूनी काम करने वाले दो सरगनाओं- हाजी इकबाल और हाजी गल्ला की पहचान करने के बाद इस इलाके में की है। प्रशासन ने इन दोनों माफियों पर कार्रवाई करते हुए करोड़ों की सम्पत्ति जब्त की है।

रिपोर्ट के अनुसार, चोरी की कारों को स्क्रैप करने का यह अवैध धंधा यहाँ 1990 के दशक में शुरू हुआ था। पहले यहाँ केवल कबाड़ की दुकानें थीं, किन्तु वक़्त के साथ यहाँ घरों के भीतर गोदाम बनते गए और चोरी की कारों का धंधा शुरू हो गया। इस बाजार में अब 300 से अधिक दुकानें हैं, जहाँ 1,000 से ज्यादा लोग काम करते हैं। व्यापारियों का कहना है कि वहाँ के SHO ने अगले आदेश तक सभी दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया है।

इस मामले में मेरठ जिले के SSP प्रभाकर चौधरी ने कहा कि, ‘हमने बाजार में 100 दुकानों की शिनाख्त की है, जो अवैध व्यापार में लिप्त हैं। जब तक वे स्टॉक की जानकारी जमा नहीं करते, हम उन तक किसी भी सामान को पहुँचने ही नहीं देंगे।’ मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र में शांति व्यवस्था भंग ना पहुँचे इसके लिए प्रशासन ने कई अहम कदम उठाएँ हैं। इसी के तहत रविवार को दोपहर में 200 से ज्यादा जवानों ने इलाके में फ्लैग मार्च किया और शांति भंग करने का प्रयास करने वालों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी।

बता दें कि सोतीगंज के मुख्य कबाड़ियों में हाजी गल्ला, हाजी इकबाल, हाजी आफताब, मुस्ताक, मन्नू उर्फ मईनुद़्दीन, हाजी मोहसिन, सलमान उर्फ शेर, राहुल काला, सलाउद्दीन का नाम शामिल हैं। इन कबाड़ियों के विरुद्ध 2,500 से अधिक मामले दर्ज हैं। इसमें से 37 कबाड़ी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मामले दर्ज हैं।

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