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एशिया की सबसे कमजोर अर्थव्यवस्था बना ‘पाक’, हाथ में सिर्फ 3 हफ्ते का खर्च, भुखमरी से बचने के लिए 33 अरब डॉलर की जरूरत

नई दिल्ली. जहां एक तरफ पाकिस्तान (Pakistan) पहले बाढ़, फिर भोजन की भारी कमी और अब कुछ दिनों से भयानक आर्थिक तंगी (Economics Crisis) से जूझ रहा है। वहीं इस बीच वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में अब पाकिस्तान को साउथ एशिया की सबसे कमजोर अर्थव्यवस्था करार दिया गया है। अन्य मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पाकिस्तान को अब गरीबी से बाहर निकलने के लिए भी कई परेशानियों का सामना करना होगा।

पाकिस्तान को फिलहाल 33 अरब डॉलर की सख्त जरूरत

जानकारी हो कि, पाकिस्तान में बीते साल जुलाई में बाढ़ आई थी, जिससे बड़े पैमाने पर खेत-खलिहान तबाह हुए थे। साथ ही में अब यहां आर्थिक तंगी भी फ़ैल गई है, क्योंकि पाक का विदेशी मुद्रा भंडार 4.6 बिलियन अमरीकी डालर के नए निचले और खतरनाक स्तर पर आ टिका है, जो बस आगामी 3 हफ्ते के लिए विदेशी आयात बिलों का भुगतान करने के लिए पर्याप्त है। वहीं मामले पर अब कई इकॉनोमिक एनालिस्ट्स का कहना है कि, पाकिस्तान को राहत के लिए 33 अरब डॉलर की सख्त जरूरत है।

दूसरे देशों के भरोसे पाक

वहीं पाकिस्तान के ‘इस्लाम खबर’ की रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब और UAE सहित अन्य देशों ने इस महीने 4 अरब डॉलर का निवेश किया है। पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबार ‘द डॉन’ ने अपने ख़ास एडिटोरियल और एक स्पेशल रिपोर्ट में खुलासा किया कि, जिनेवा में पाकिस्तान को जो 10 अरब डॉलर देने का भरोसा दिलाया गया है, वो दान या खैरात नहीं, बल्कि एक बड़ा कर्ज है। लेकिन यह कर्ज भी 3 साल में किश्तों के तौर पर ही मिलेगा।

पाकिस्तान में खाने के लिए भी मारामारी

पाकिस्तान में आई बाढ़ को आए 6 महीने हो चुके हैं। लेकिन यहां अब भी वाटर मैनेजमेंट या नए सिरे से खेती के कोई संकेत नहीं हैं। दुनिया की सबसे सिंचित उपजाऊ गेहूं उगाने वाली भूमि वाले देश में आज खाने के आटे के भी लाले हैं और इसे आयात करने के लिए भी पकिस्तान के पास पैसे नहीं हैं। ‘इस्लाम खबर’ के अनुसार, आज यहां के बाजारों में 20 किलो आटे का 1200 पाकिस्तानी रुपए का बैग 3,00 पाकिस्तानी रुपए तक पहुंच चूका है।

वहीं अब तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने पहली बार खुलकर ये माना है कि, उनके मुल्क को भारत के साथ कश्मीर समेत तमाम मुद्दों पर बातचीत की अब सख्त जरूरत है। शाहबाज के मुताबिक- पाकिस्तान ने भारत के साथ तीन युद्ध लड़े और इनसे सिर्फ गरीबी और भुखमरी ही मिली है। वहीं अब अपनी हालातों के चलते पाकिस्तान को बार बार कर्ज मांगना भी बहुत बुरा लगता है।

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