भारत के मामलों में हस्तक्षेप के लिए दूसरे देशों को कहने से और बड़ी समस्याएं हो सकती हैं: एस. जयशंकर
नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने देश की समस्याओं को बाहर ले जाने और दूसरे देशों से भारत के मामलों में हस्तक्षेप के अनुरोध के लिए शुक्रवार को विपक्ष की आलोचना की। उन्होंने कहा कि इससे देश के लिए और बड़ी समस्याएं पैदा हो सकती हैं। आर्यभट्ट कॉलेज के छात्रों के साथ राष्ट्रीय राजधानी में बातचीत में उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस नेता राहुल गांधी की हाल की अमेरिका यात्रा के दौरान केंद्र सरकार की आलोचना की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह चिंताजनक है कि वे भारत की समस्या को बाहर ले जाते हैं और इसके बारे में कुछ करने के लिए लोगों को आमंत्रित करते हैं।
जयशंकर ने कहा, अगर आप कहते हैं कि भारत में समस्याएं और बड़ी चिंताएं हैं और दुनिया को इसके बारे में कुछ करना चाहिए, तो इसके बड़े निहितार्थ हैं और यह देश के लिए अच्छा नहीं है।
एनडीए सरकार द्वारा वैश्विक मोर्चे पर उठाए गए कई कदमों का जिक्र करते हुए विदेश मंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की और दावा किया कि उन्होंने भारत के बारे में धारणा बदल दी है, जिसे एक ऐसा देश माना जाता है जो दूसरे देशों की मदद के लिए तैयार रहता है और जो विदेशों में समस्याओं का सामना कर रहे अपने ही नागरिकों को मदद देने में तत्परता दिखाता है।
जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत में व्यवस्था को इस तरह बदला है कि देश वैश्विक समस्याओं के प्रति तत्परता दिखाने के लिए तैयार हो गया है।
जयशंकर ने सभा को संबोधित करते हुए कहा, भारत आज एक वैक्सीन प्रदाता है। मैंने पिछले कुछ वर्षो में उनके साथ काफी करीब से काम किया है। मैं कभी किसी ऐसे व्यक्ति से नहीं मिला जिसे देश के भविष्य और देश के युवाओं में इतना विश्वास हो। हमारे पास एक ऐसा नेता है जिसके पास दूर²ष्टि है, देश के लिए प्रतिबद्धता की मजबूत भावना है।
भारत की जी20 अध्यक्षता पर बोलते हुए जयशंकर ने कहा, जी20 के सबसे बड़े लाभों में से एक, जिसकी हम उम्मीद कर रहे हैं, 20 वर्षों के बाद दिखाई देगा जब पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। ऐसे देश हैं जिनके सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन का योगदान 20 प्रतिशत है। बुनियादी ढांचा, तेज रफ्तार वाले और स्वच्छ शहर, बेहतर प्रतिभा, एक मजबूत अर्थव्यवस्था देश में विदेशी निवेश बढ़ाने में मदद करेगी।
उन्होंने कहा कि जब ज्यादा से ज्यादा लोग भारत आएंगे तो विदेशी निवेश बढ़ेगा और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा।