Asom : तीन हजार करोड़ से अधिक का होगा विनिवेश
औद्योगिक क्षेत्र में बड़ी छलांग लगाने को असम तैयार
–संजीव कलिता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्वोत्तर को अष्टलक्ष्मी का देश करार दिए जाने की बात अब हकीकत में बदलने की ओर अग्रसर है। ‘वाणिज्ये बसते लक्ष्मी’ की कहावत को चरितार्थ करने के मामले में सूबे के मुखिया डॉ.हिमंत विश्व शर्मा की नेतृत्ववाली सरकार ने सकारात्मक पहल शुरू कर दी है। असम के औद्योगिक क्षेत्र को फर्श से अर्श तक ले जाने के लक्ष्य को साकार करने की सरकार की इस बड़ी पहल से उम्मीद की जा सकती है कि असम के औद्योगिक क्षेत्र का स्वर्णिम युग शुरू हो गया है। बाहरी कंपनियों का असम के प्रति नजरिया बदल गया है और अब वे किसी जमाने र्में ंहसा एवं आतंकवाद के लिए पहचाने जाने वाले राज्य में विनिवेश करने के लिए बढ़-चढ़कर आगे आ रहे हैं। निजी क्षेत्र के बड़े निवेशकों ने असम में मेगा औद्योगिक परियोजनाओं की स्थापना के लिए असम सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ है। राज्य सरकार और छह विभिन्न कंपनियों के बीच कुल 3114.14 करोड़ रुपए के विनिवेश के लिए पिछले दिनों हुए समझौता ज्ञापन (एमओयू) के बाद औद्योगिक क्षेत्र ने एक और बड़ी छलांग लगाने की तैयारी पूरी कर ली है।
मालूम हो कि इससे पहले राज्य में कुल 8000 करोड़ के विनिवेश के प्रस्ताव के बाद संबंधित कंपनियों के साथ सरकार ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री बिमल बोरा कहते हैं कि राज्य में विनिवेश करने के इच्छुक इन छह कंपनियों में से स्टार सीमेंट, डालमिया सीमेंट, ताज सीमेंट, डीएस ग्रुप आदि शामिल हैं जो अपना उद्योग लगाने संबंधी प्रारंभिक तैयारियों को संपन्न कर उत्पादन की ओर बढ़ रहे हैं। असम में उद्योग लगाने के लिए सरकार के नया समझौता करने वाली इन कंपनियों में लांग स्पान स्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड ने 139 करोड़, एसबीएल बिस्किट्स प्राइवेट लिमिटेड ने 139.15 करोड़, केसर पेट्रो प्रोडक्ट्स लिमिटेड ने 2000 करोड़, उमरांग्सो इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड ने 285 करोड़, मेसर्स सुनीत ब्रेवरीज प्राइवेट लिमिटेड ने 151 करोड़ और मेसर्स जेरिको फूड्स एंड बेवरेजेज ने 410 करोड़ के विनिवेश का प्रस्ताव रखा है। इन उद्योगों के खुलने से असम में 1220 कर्मचारियों को प्रत्यक्ष तथा 3530 कर्मचारियों को अप्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद जताई गई है। निवेश के लिहाज से असम आज र्लींडग राज्य साबित हो रहा है। सरकार के साथ हुए छह समझौता ज्ञापन (एमओयू) में से एक सींगवाले गैंडे के लिए विश्वप्रसिद्ध काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के पास हाथीघुली में 100 करोड़ रुपए के निवेश के साथ पांच सितारा होटल की स्थापना होगी। असम पर्यटन विकास निगम (एटीडीसी) और जेनिप्रो होटल्स प्राइवेट लिमिटेड के बीच इस सिलसिले एक भूमि पट्टा समझौते पर हस्ताक्षर हुआ है।
मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा का कहना है कि उद्यमियों का प्रदेश में निवेश पूरी तरह से सुरक्षित रहेगा और मेक इन असम ब्रांड पूरी दुनिया में छाएगा। निवेशक प्रदेश में निवेश के लिए एक कदम आगे बढ़ाएंगे तो हम चार कदम आगे बढ़ा कर उनका स्वागत करेंगे। आज निवेश के लिए अद्भुत स्थान बन चुके असम की चर्चा न सिर्फ भारत में, बल्कि विश्व के विभिन्न देशों में हो रही है। राज्य के औद्योगिक क्षेत्र में होने जा रहे इस विनिवेश से उत्साहित मुख्यमंत्री डॉ. शर्मा कहते हैं कि असम अब विकास के रास्ते पर आगे बढ़ रहा है। असम एक औद्योगिक राज्य बन जाएगा। निवेश के मामले में असम अब सुरक्षित स्थलों में से एक है। फिलहाल सरकार लगभग 10,000 करोड़ रुपए के औद्योगिक निवेश प्रस्तावों पर अध्ययन कर रही है। दिसपुर को यह उम्मीद है कि अगले 18 महीनों में राज्य में निजी क्षेत्र का निवेश 50,000 करोड़ रुपए का आंकड़ा पार कर जाएगा और अब से दो-तीन वर्षों में निजी क्षेत्र का निवेश कुल 1 लाख करोड़ रुपए को पार कर जाएगा। राज्य के वर्तमान सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य और लगभग एक दशक पहले के बीच तुलना करते हुए मुख्यमंत्री कहते हैं कि असम वर्तमान में सामान्य शांति के एक अद्वितीय दौर का अनुभव कर रहा है। उनका यह भी कहना है कि निवेश के मामले में असम अब सबसे सुरक्षित स्थलों में से एक बन चुका है। सनद रहे कि राज्य में औद्योगिक विनिवेश को प्रोत्साहित करने के लिए ही एक महीने पहले आयोजित हिमंत मंत्रिमंडल की 100वीं बैठक ने ‘दि आसाम सेमि कंडक्टर मैन्युफैक्र्चंरग एंड इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्शन पॉलिसी’ शीर्षक से नए प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। उम्मीद की जा रही है कि गुजरात सहित कुछ प्रदेशों की तर्ज पर असम में नए निवेशकों को उद्यम लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए लाई इस नई पॉलिसी से यहां विनिवेश की संख्या बढ़ेगी और सूबे में औद्योगिक विकास को नए पंख लगेंगे।
मुख्यमंत्री का मानना है कि उद्यम लगाने के लिए विनिवेश करने के इच्छुक कंपनियां सेमि कंडक्टर पॉलिसी चाहती हैं या यह उनकी प्रारंभिक मांग रही है। प्रोडक्शर्न ंलक, इंसेंटिव, कैपिटल सब्सिडी इत्यादि की अपेक्षा रखते हैं। इसलिए नई औद्यगिक पॉलिसी के तहत ‘दि आसाम सेमि कंडक्टर मैन्युफैक्र्चंरग एंड इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्शन पॉलिसी’ को मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी देकर इसे विधानसभा में विधेयक पारित किया गया है। वैसे देखा जाए तो असम में जो बड़े उद्योग जैसे जागीरोड स्थित नगांव पेपर मिल, असम स्पान सिल्क मिल्स लिमिटेड, आसाम पॉलिटेक्स मिल, बंगाईगांव स्थित अशोक पेपर मिल और बराकघाटी स्थित कछार पेपर मिल के विभिन्न कारणों से बंद हो जाने के कारण राज्य का औद्योगिक क्षेत्र काफी पिछड़ गया था। पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के शासनकाल में तत्कालीन उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री चंद्रमोहन पटवारी के नेतृत्व में एडवांटेज असम के आयोजन के बाद देशी-विदेशी कंपनियों की नजर असम पर पड़ने लगी। उनकी यह धारणा बदल गई कि असम अर्ब ंहसा और उग्रवाद का राज्य नहीं रह गया है। कई देशी-विदेशी कंपनियों ने असम में निवेश की पहल की और सन 2021 में जब डॉ. हिमंत विश्व शर्मा ने शासन की बागडोर संभाल लिया, तब से लेकर अब तक असम की कानून-व्यवस्था में काफी सुधार देखा गया है। असम फिर से शांति की पटरी पर आ गया है। ऐसे में विकास की नित नई राहें खुलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं।