उत्तराखंड

विधानसभा भर्ती घोटाला: विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने 3 सदस्यीय जांच कमिटी का किया गठन

विधानसभा सचिव भेजे गए छुट्टी पर

देहरादून: उत्तराखंड से इस वक्त बड़ी खबर आ रही है। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने विधानसभा सचिवालय में की गई भर्ती मामले में जांच बैठा दी है। बैकडोर भर्ती की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है। समिति में रिटायर्ड आईएएस अधिकारी दिलीप कोटिया, सुरेंद्र सिंह रावत, अवनेंद्र नयाल को शामिल किया गया है। कमेटी को एक माह में रिपोर्ट सौंपनी होगी। पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल के दौरान बिना नियम कायदों के नेताओं के करीबियों और खास लोगों को नौकरी पर रखा गया था।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने आज विधानसभा में प्रेसवार्ता की। विधानसभा में हुई बैकडोर से भर्ती मामले में उन्होंने कहा कि मैं किसी को भी निराश नहीं होने दूंगी, सबके साथ न्याय करूंगी। मुझे कितने भी कड़वे निर्णय लेने होंगे वो मैं लूंगी। उन्होंने 2 बड़े निर्णय बताते हुए कहा कि विधानसभा में हुई भर्तियों के लिए जांच समिति गठित की गयी है जो अगले 1 माह में रिपोर्ट सौंपेगी और उसी आधार पर फैसला होगा। इस कमेटी के दिलीप कोटिया अध्यक्ष, सुरेंद्र सिंह रावत और अवनेंद्र सिंह नयाल सदस्य होंगे। इसके अलावा सचिव मुकेश सिंघल को अवकाश पर भेज दिया गया है। जरूरत पडऩे पर उन्हें जांच के लिए बुलाया जाएगा।

गौरतलब है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बीते दिनों विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी से विधानसभा सचिवालय में की गई नियुक्तियों, जिनकों लेकर उत्पन्न हुए विवाद, की उच्च स्तरीय जांच कराने तथा जांच में अनियमितताएं पाए जाने पर सभी अनियमित नियुक्तियों को निरस्त करने का आग्रह किया था। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष से विधानसभा सचिवालय में भविष्य में निष्पक्ष एवं पारदर्शी नियुक्तियों के लिए प्राविधान करने का भी आग्रह किया था।

विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा लिखे गए पत्र में कहा गया था कि पिछले कई दिनों से सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर सचिवालय में हुई नियुक्तियों पर आरोप लगाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विधानसभा एक गरिमामय स्वायत्तशासी संवैधानिक संस्था है और इस संस्था की गरिमा को बनाए रखना हम सभी की सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। लिखे गए पत्र में मुख्यमंत्री धामी ने विधानसभा अध्यक्ष को दो बिंदुओं पर विचार करने को कहा। मुख्यमंत्री ने पहले बिंदु में कहा कि विधान सभा सचिवालय में की गई नियुक्तियों के संबंध में उच्च स्तरीय जांच कराई जाए। अगर इसमें कोई अनियमितता पायी जाती है तो ऐसी सभी अनियमित नियुक्तियों को निरस्त किया जाए। वहीं, दूसरे बिंदु में उन्होंने कहा कि विधान सभा सचिवालय में भविष्य में निष्पक्ष एवं पारदर्शी नियुक्तियों के लिए प्रावधान किया जाए।

आपको बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में विधानसभा में हुई नियुक्तियों पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर इन नियुक्तियों की सूची वायरल हो रही है। जिसमें कई नेताओं के रिश्तेदारों और परिजनों के नाम शामिल बताए जा रहे हैं। मामले के तूल पकड़ने पर मुख्यमंत्री ने विधानसभा में हुई नियुक्तियों के प्रकरण की जांच कराने के संबंध में विधानसभा अध्यक्ष से अनुरोध करने की बात कही थी। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, विधानसभा को इसके लिए सरकार से जिस प्रकार के सहयोग की आवश्यकता होगी, वह उन्हें दिया जाएगा।

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