देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत ने राज्य के विधानसभा सत्र के दौरान तेल और गैस की महंगाई पर राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान एक बैनर दिखाकर महंगाई पर आवाज बुलंद की, लेकिन उनके अलावा किसी अन्य किसी कांग्रेसी विधायक ने उनका समर्थन नहीं किया जो इस बात का संकेत है कि अनुपमा रावत अकेली पड़ रही हैं।विधानसभा के बाहर भी अनुपमा रावत ने कहा कि भाजपा सरकार ने महंगाई इतनी बढ़ा दी है, जिसके कारण आम आदमी का जीना दुश्वार हो गया है। जो बैनर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) के अभिभाषण के दौरान दिखाया था वहीं बैनर लेकर वह बाहर खड़ी हुईं थीं। उन्होंने कहा कि हम उम्मीद करते थे कि भाजपा सरकार महिलाओं के बारे में सोचेगी, लेकिन भाजपा सरकार का महिलाओं से कोई लेना-देना ही नहीं है, तभी वह महंगाई पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। उन्होंने कहा कि डीजल-पेट्रोल कितना महंगा हो गया है। इस सरकार से कोई उम्मीद नहीं कर सकते। महंगाई बेहताशा बढ़ रही है, लेकिन सरकार को इसे देखने की फुर्सत कहां है।
वैसे उत्तराखंड में कांग्रेस की हार के बाद हरीश रावत के एक ट्वीट ने आग में घी का काम किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि हरीश रावत के साथ-साथ उनकी बेटी को भी भितरघात कर हराने की कोशिश की गई। इस ट्वीट के बाद कांग्रेस में भी बवाल मच गया है। वैसे हरीश रावत समय-समय पर अपने बयानों से कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी करते रहे हैं, लेकिन इस ट्वीट से उन्होंने जोर का झटका धीरे से दिया है। हरीश रावत ने हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट पर अपनी बेटी के खिलाफ भी षड्यंत्र रचने का आरोप लगाया है। इस ट्वीट के बाद पार्टी के अंदर भूचाल आया हुआ है। उनके पुराने सहयोगी हीरा सिंह बिष्ट का कहना है कि हरीश रावत का बयान किस आधार पर है, यह कहना मुश्किल है लेकिन भितरघात करने का काम बड़े नेता कर रहे हैं जो उचित नहीं है।