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नीरज चोपड़ा के कोच रहे उवे हॉन से एथलेटिक्स फेडरेशन ने नाता तोड़ा, लॉन्ग जंपर श्रीशंकर के कोच की भी छुट्टी

भारतीय एथलेटिक्स फेडरेशन (Athletics Federation of India) ने जैवलिन के नेशनल कोच उवे हॉन (Uwe Hohn) से नाता तोड़ लिया. फेडरेशन की तरफ से कहा गया कि वह उनके काम से खुश नहीं है और जल्द ही दो नए विदेशी कोच को नियुक्त किया जाएगा. उवे हॉन जर्मनी के रहने वाले हैं और वे जैवलिन में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले खिलाड़ी रहे हैं. 59 साल के इस दिग्गज का कॉन्ट्रेक्ट टोक्यो ओलिंपिक तक ही था. एएफआई ने टोक्यो ओलिंपिक में लंबी कूद के खिलाड़ी एस श्रीशंकर (S Sreeshankar) के खराब प्रदर्शन के बाद उनके कोच एस मुरली को बर्खास्त कर दिया है जो उनके पिता भी हैं. मार्च में फेडरेशन कप में 8.26 मीटर के राष्ट्रीय रिकॉर्ड के साथ क्वालीफिकेशन स्तर हासिल करने वाले 22 साल के श्रीशंकर टोक्यो ओलिंपिक से ठीक पहले फिटनेस ट्रायल में बुरी तरह नाकाम रहे. इसके बाद एएफआई ने उनके कोच को हटाने का फैसला किया. यह फैसला जयपुर में दो दिन की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की मीटिंग के बाद लिया गया.

उवे हॉन को हटाने के बारे में एथलेटिक्स फेडरेशन के मुखिया आदिल सुमारिवाला ने कहा, हम दो नए कोच ला रहे हैं और उवे हॉन को बदल रहे हैं क्योंकि हम उनके काम से खुश नहीं है. हम तूर (शॉटपुट खिलाड़ी तेजिंदरपाल सिंह तूर) के लिए भी एक विदेश कोच ढूंढ रहे हैं. वहीं श्रीशंकर के कोच को हटाने के बारे में उन्होंने कहा, ‘हम उसके कोचिंग कार्यक्रम से खुश नहीं हैं, पहली कार्रवाई हो चुकी है और हमने उसका कोच बदल दिया है.’ कोच ने एएफआई को लिखित में दिया था कि श्रीशंकर टोक्यो में कम से कम क्वालीफिकेशन का प्रदर्शन दोहराएंगे. इसके बाद एएएफआई ने उन्हें ओलिंपिक में हिस्सा लेने की स्वीकृति दे दी थी. श्रीशंकर ने हालांकि टोक्यो खेलों के बाद अपना सबसे खराब प्रदर्शन किया.

उवे हॉन को नवंबर 2017 में एक साल के नियुक्त किया गया था. तब उन्हें नीरज चोपड़ा, शिवपाल सिंह और अन्नु रानी को ट्रेन करने की जिम्मेदारी दी गई थी. 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में चोपड़ा ने उनके साथ रहते हुए ही गोल्ड जीता था. लेकिन फिर वे जर्मनी के ही क्लाउश बार्टोनीज के साथ चले गए थे. टोक्यो ओलिंपिक से ठीक पहले उवे हॉन ने यह कहकर विवादों को हवा दी थी कि उन्हें साई और एएफआई ने कॉन्ट्रेक्ट साइन करने के लिए ब्लैकमेल किया था. साथ ही खिलाड़ियों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं मिलने की बात भी कही थी.

एएफआई ने साथ ही कहा कि ओलिंपिक और विश्व चैंपियनशिप से पहले राष्ट्रीय चैंपियनशिप की तरह का टूर्नामेंट या फाइनल ट्रायल का आयोजन करके इन टूर्नामेंटों के लिए टीम का चयन किया जाएगा. ऐसा इसलिए किया गया है जिससे कि बड़ी प्रतियोगिता से पहले खिलाड़ी अपनी फॉर्म के शीर्ष पर हो. एएफआई की योजना समिति के अध्यक्ष ललित भनोट ने कहा कि भारत अगले साल एशियाई खेलों के लिए अपनी सर्वश्रेष्ठ टीम भेजेगा लेकिन शायद विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों के साथ ऐसा नहीं हो. उन्होंने कहा, ‘जो क्वालीफाई करेंगे उन्हें विश्व चैंपियनशिप के लिए भेजा जाएगा लेकिन एशियाई खेलों के लिए हम सर्वश्रेष्ठ टीम भेजेंगे. जहां तक राष्ट्रमंडल खेलों का सवाल है, यह इस पर निर्भर करेगा कि हमारी किन प्रतियोगिताओं में अच्छा प्रदर्शन करने की उम्मीद है और कहां हमारे पास पदक जीतने का मौका नहीं है.’

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