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उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद को मिली उम्र कैद की सजा

प्रयागराज: प्रयागराज की एक सांसद/विधायक अदालत ने गैंगस्टर से राजनेता बने अतीक अहमद और दो अन्य को 2006 में बसपा विधायक राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल के अपहरण का दोषी ठहराया है। कोर्ट ने तीनों को उम्र कैद की सजा दी है। मंगलवार को कोर्ट ने अदालत परिसर में भारी भीड़ के बीच सजा का ऐलान किया। कोर्ट ने अतीक अहमद के भाई अशरफ सहित छह अन्य को बरी कर दिया है।

उत्तरप्रदेश के ADG प्रशांत कुमार ने इस मामले के बारे में कहा आज प्रदेश के मुख्य माफिया अतीक अहमद को पहली बार किसी मामले में सजा सुनाई है। उमेश पाल के अपहरण मामले में आज माननीय न्यायालय ने 3 अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

आजीवन कारावास के साथ 1-1 लाख रुपए का जुर्माना तीनों अभियुक्तों पर लगाया गया है। अभियुक्तों में अतीक अहमद, खान शौकत हनीफ और दिनेश पासी शामिल हैं। 25 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल की हत्या के बाद तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल ने पुलिस को बताया था कि वह हत्याकांड का चश्मदीद गवाह है।

उमेश पाल ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया, तो 28 फरवरी, 2006 को बंदूक की नोक पर उनका अपहरण कर लिया गया। प्राथमिकी 5 जुलाई, 2007 को अहमद, उनके भाई और चार अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई थी।

उमेश पाल की इसी साल 24 फरवरी को उनके प्रयागराज आवास के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अतीक अहमद और उनके भाई अशरफ पर जेल में रहते हुए उमेश पाल को मारने की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया गया है। फैसला सुनाए जाने के समय अतीक अहमद, उसका भाई अशरफ और एक अन्य आरोपी अदालत में मौजूद थे।

अतीक अहमद के साथ दोषी ठहराए गए दो अन्य लोगों में दिनेश पासी और शौकत हनीफ शामिल हैं। इनको भी आजीवन कारावास की सजा दी गई है। प्रयागराज में उमेश पाल अपहरण मामले की सुनवाई के दौरान स्थानीय अदालत के बाहर भारी भीड़ देखी गई। अतीक अहमद को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट लाया गया।

अहमदाबाद में बोला अतीक मुझे डर है, ये मेरी हत्या करना चाहते हैं :

यूपी पुलिस का काफिला रविवार शाम पौने छह बजे अहमदाबाद से रवाना हुआ। बाहर आने पर मीडिया के सामने अतीक बोला-मुझे डर है, ये मेरी हत्या करना चाहते हैं। पुलिस का काफिला शाम सवा सात बजे साबरकांटा पहुंचा, जहां रवाना होकर रात दस बजे उदयपुर से रवाना हुआ और रात साढ़े बारह बजे चित्तौड़गढ़ पहुंचा। कोटा तड़के सवा तीन बजे और सुबह सवा सात बजे शिवपुरी पहुंच गया। सुबह 9 बजे झांसी में अतीक को रिजर्व पुलिस लाइन में ले जाया गया। यहां टीम ने कुछ देर आराम किया और करीब 11 बजे काफिला रवाना हुआ। यहां अतीक अहमद से मीडिया वालों ने पूछा तो उसने कहा कि किस बात का डर। प्रयागराज पहुंचने में 7 से आठ घंटे लग सकते हैं।

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