अतीक-अशरफ हत्या : योगी ने जांच के लिए 3 सदस्यीय न्यायिक पैनल की घोषणा की, पढें लेटेस्ट अपडेट
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन सदस्यीय न्यायिक आयोग की घोषणा की है, जो शनिवार रात पुलिस और मीडिया की मौजूदगी में गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या की जांच करेगा। राज्य को हाई अलर्ट पर रखा गया है और प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद के नेतृत्व में वरिष्ठ अधिकारी स्थिति की निगरानी के लिए प्रयागराज जा रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि अतीक और उसके भाई की सुरक्षा में तैनात 17 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।
इस बीच, प्रयागराज में इंटरनेट बंद कर दिया गया है, जबकि कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि कानपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पटाखे फोड़े।
पाप-पुण्य का हिसाब इसी जन्म में होता है : मंत्री स्वतंत्र देव सिंह
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या पर सबसे पहले योगी के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह की प्रतिक्रिया सामने आई। योगी सरकार में मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बिना नाम लिए कहा कि पाप-पुण्य का हिसाब इसी जन्म में होता है।
दोनों की हत्या योगी के क़ानून व्यवस्था की नाकामी : ओवैसी
अतीक और अशरफ की हत्या के कुछ देर बाद ही AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी का बयान आया उन्होंने कहा कि अतीक़ और उनके भाई पुलिस की हिरासत में थे। उन पर हथकड़ियाँ लगी हुई थीं। जयश्री राम के नारे भी लगाये गये। दोनों की हत्या योगी के क़ानून व्यवस्था की नाकामी है। एनकाउंटर राज का जश्न मनाने वाले भी इस हत्या के ज़िम्मेदार हैं।
ओवैसी रविवार सुबह फिर मीडिया के सामने आए और यूपी सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि मैं शुरू से कह रहा था कि उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार क़ानून के मुताबिक नहीं बल्कि बंदूक के दम पर चल रही है। हम लोग इसी बात को दोहरा रहे थे लेकिन सबको लगता था कि हम हवाई बातें कर रहे हैं। इससे लोगों में संविधान में विश्वास कम होगा। इस घटना की निंदा करने के लिए शब्द नहीं है। इसमें सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक कमेटी बननी चाहिए। मैं सुप्रीम कोर्ट से गुज़ारिश करता हूं वह इसका स्वत: संज्ञान ले और इस पर एक समय सीमा में जांच होनी चाहिए। इस कमेटी में उत्तर प्रदेश का कोई भी अधिकारी न हो क्योंकि उनकी मौजूदगी में यह हत्या हुई है।आप गोली मारकर धार्मिक नारा क्यों लगा रहे हैं? इनको आतंकवादी नहीं कहेंगे तो देश भक्त कहेंगे?
क्या यह (भाजपा) फूल का हार पहनाएंगे? जो लोग एनकाउंटर का जश्न मना रहे थे, शर्म से ढूब मरो तुम लोग। कल जो हत्या हुई है उसकी ज़िम्मेदारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की है। अगर उनमें संवैधानिक नैतिकता ज़िंदा है तो उनको अपने पद को छोड़ना पड़ेगा। हम मांग करते है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री इस्तीफा दें, सुप्रीम कोर्ट इसमें एक जांच दल मनाए और इस मामले का स्वता: संज्ञान ले वरना यह चलता रहेगा। संविधान के मुताबिक उन सब पुलिस वालों को उनकी सर्विस से निकालना चाहिए। हम देश के प्रधानमंत्री से पूछना चाहेंगे कि आप कुछ बोलेंगे या नहीं? प्रधानमंत्री भाषण में बोलते हैं कि ‘मेरी सुपारी ली गई है’ अब बताइए की जहां से आप सांसद हैं उस प्रदेश में क्या हो रहा है। भारत का हर नागरिक कल की घटना के बाद गैर-महफूज और कमज़ोर समझ रहा है।
उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है : अखिलेश यादव
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के कुछ देर बाद ही सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि उप्र में अपराध की पराकाष्ठा हो गयी है और अपराधियों के हौसले बुलंद है। जब पुलिस के सुरक्षा घेरे के बीच सरेआम गोलीबारी करके किसीकी हत्या की जा सकती है तो आम जनता की सुरक्षा का क्या। इससे जनता के बीच भय का वातावरण बन रहा है, ऐसा लगता है कुछ लोग जानबूझकर ऐसा वातावरण बना रहे हैं।
आश्चर्य नहीं, बाकी बेटे भी मारे जाएं: रामगोपाल
अतीक और अशरफ की हत्या पर समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्रीजी का फरमान मिट्टी में मिलादेंगे। अतीक अहमद की सुप्रीम कोर्ट में याचिका- पुलिस अभिरक्षा में हत्या की आशंका के चलते सुरक्षा की मांग-नो रिलीफ, फिर फेक एनकाउंटर और पुलिस के घेरे में सुनियोजित हत्याएं तो होनी ही हैं। कोई आश्चर्य नहीं कि अतीक के शेष बेटे भी मारे जाएं।
मायावती ने कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल
बसपा चीफ मायावती ने अतीक और अशरफ के हत्याकांड के बाद कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि गुजरात जेल से अतीक अहमद व बरेली जेल से लाए गए उनके भाई अशरफ की प्रयागराज में कल रात पुलिस हिरासत में ही खुलेआम गोली मारकर हुई हत्या। उमेश पाल जघन्य हत्याकाण्ड की तरह ही, यूपी सरकार की कानून-व्यवस्था व उसकी कार्यप्रणाली पर अनेकों गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करती है। देश भर में चर्चित इस अति-गंभीर व अति-चिन्तनीय घटना का माननीय सुप्रीम कोर्ट अगर स्वंय ही संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करे तो बेहतर है। वैसे भी उत्तर प्रदेश में कानून द्वारा कानून के राज के बजाय, अब इसका इण्काउंटर प्रदेश बन जाना कितना उचित? सोचने की बात।
क़ानून राज नहीं रहेगा तो किसी के भी साथ हो सकती हैं घटनाएं : गहलोत
अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी मीडिया के सामने आए और यूपी सरकार पर हमला बोला। गहलोत ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो हो रहा है वह देश देख रहा है। क़ानून का राज नहीं रहेगा तो यह घटनाएं किसी के भी साथ हो सकती हैं। यूपी में जो हुआ वह आसान है लेकिन क़ानून व्यवस्था को बनाए रखना मुश्किल है।
हमें इससे कोई मतलब नहीं है : शूटर लवलेश तिवारी के पिता
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गोली मारने वाले शूटर लवलेश तिवारी के पिता यज्ञ तिवारी ने मीडिया से कहा कि हमें कोई जानकारी नहीं की वह वहां कैसे पहुंच गया और हमें इससे कोई मतलब नहीं है। यह प्रयागराज में कब से है हमें नहीं पता। यह आखिरी बार 7-8 दिन पहले आया था।
हम उससे अलग रहते हैं और बचपन में ही भाग गया था : शूटर सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को गोली मारने वाले शूटर सनी सिंह के भाई पिंटू सिंह ने कहा कि यह कुछ नहीं करता था और इसके ऊपर पहले से भी मामले दर्ज़ हैं। हम लोग 3 भाई थे जिसमें से एक की मृत्यु हो गई। यह ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता रहता था। हम उससे अलग रहते हैं और बचपन में ही भाग गया था।
कौन हैं आरोपी और क्यों की हत्या?
जानकारी के अनुसार अब तक की पूछताछ में पता चला है कि अतीक और अशरफ की हत्या करने वाला लवलेश तिवारी बांदा का रहने वाला है, जबकि अरुण मौर्य हमीरपुर का निवासी है। वहीं तीसरा आरोपी सनी कासगंज जनपद से है। पूछताछ में तीनों आरोपियों ने अपना यही पता बताया है। पुलिस उनके बयानों को वेरिफाई कर रही है। जांच में एक बात तो साफ हो गई है कि तीनों आरोपी अतीक और अशरफ की हत्या के मकसद से ही प्रयागराज आए थे।
बड़ा माफिया बनना चाहते थे आरोपी
अतीक और अशरफ पर गोली चलाने वाले तीनों आरोपियों का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। पुलिस इस बात की जांच में जुटी है कि आरोपियों पर पहले कहां-कहां और किस तरह के मामले दर्ज हैं। पूछताछ में आरोपी बता रहे हैं कि वो बड़ा माफिया बनना चाहते हैं इसलिए वारदात को अंजाम दिया। आरोपियों ने बताया, ‘कब तक छोटे-मोटे शूटर रहेंगे, बड़ा माफिया बनना है इसलिए हत्याकांड को अंजाम दिया। हालांकि पुलिस अभी पूरी तरह से इनके बयानों पर भरोसा नहीं कर रही है क्योंकि तीनों के बयानों में विरोधाभास है और पूछताछ जारी है।