अन्तर्राष्ट्रीय

पाक में नहीं थमा हिंदू लड़कियों पर अत्याचार, एक और लड़की को अगवा कर जबरन कराया धर्म परिवर्तन

पेशावरः पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन बढ़ते जा रहे हैं लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। ऐसा ही एक और मामला सिंध से सामने आया जिसमें एक हिंदू लड़की का अपहरण कर जबरन उसका धर्म परिवर्तन कराया गया है। सिंध के थारपारकर जिले के मल्ही गांव के रहने वाले ईश्वर भील ने बताया कि उनकी 20 वर्षीय बेटी गुड्डी भील का 8 मार्च को मीरपुर-खासों के सिखंदर बजीर ने अस्पताल से लौटते समय अपहरण कर लिया। गुड्डी अपने भाई के लिए बुखार की दवाइयां लेने के लिए अस्पताल गई थी।

पीड़िता के पिता ईश्वर भील ने कहा कि उनकी बेटी पर जबरन इस्लाम धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाया और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) तथा उपायुक्त (डीसी) मीरपुर खास के पास हस्ताक्षर किए गए शपथ पत्र को जमा करने के लिए मजबूर किया । इस शपथ पत्र में दावा किया गया कि वह अपनी मर्जी से इस्लाम में परिवर्तित हुईं है और ऐसा करने के लिए उस पर किसी तरह का दवाब नहीं डाला गया था और न ही उसे मजबूर किया गया। इससे पहले भी एक ऐसी घटना सामने आई थी, जिसमें एक हिंदू नाबालिग लड़की का अपहरण कर लिया गया था और साथ ही पुलिस द्वारा मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया गया था।

उमरकोट के तल्हो मल्हो गांव के वीरो कोल्हिया ने कहा कि उसकी नाबालिग बेटी को उसके गांव के प्रभावशाली लोगों ने नशीला पदार्थ पिलाकर उसका अपहरण कर लिया था। उन्होंने आगे कहा कि बार-बार अनुरोध करने पर भी पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करने से इनकार कर दिया। मार्च 2023 में अब तक नाबालिग हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन के तीन अन्य मामले सामने आए है। 14 वर्षीय मीना बट (14) को मावोमहवार, मीरपुरखास में उसके घर के पास से अगवा कर लिया गया था और बारचुंडी शरीफ दरगाह (गोटकी) में धर्मांतरण के बाद अपहरणकर्ता अब्दुर से शादी करा दी गई थी।

इसके बाद कराची की 16 वर्षीय संगीता कुमारी का अपहरण कर कराची के सूफी दरबार में जबरन धर्म परिवर्तन करा के अपहरणकर्ता से निकाह करा दिया गया था।इस बीच पाकिस्तान के सिंध और पंजाब प्रांतों के विभिन्न जिलों के 100 से अधिक सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सोमवार को कराची में आयोजित ‘औरत’ नामक एक कार्यक्रम में अल्पसंख्यक, विशेष रूप से हिंदू समुदायों की नाबालिग लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के दौरान कई कार्यकर्ताओं ने महिलाओं के खिलाफ अत्याचार और ऐसी घटनाओं के प्रति सरकारी अधिकारियों द्वारा दिखाई गई उदासीनता के बारे में बात की।

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