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महोलिया आरोग्य मंदिर में चला टीबी और फाइलेरिया से बचाव के लिए जागरूकता अभियान

50 लोगों की जांच हुई, 4 टीबी संभावित रोगियों की पहचान
रोगी हितधारक समूह ने बताया फाइलेरिया से बचाव के उपाय

बाराबंकी : देवा ब्लॉक के आयुष्मान आरोग्य मंदिर महोलिया में टीबी और फाइलेरिया से बचाव के लिए विशेष जागरूकता अभियान आयोजित किया गया। सीएचओ रोमा देवी के नेतृत्व में रोगी हितधारक समूह के सदस्यों ने फाइलेरिया और टीबी से बचाव के उपाय बताए। सीफार संस्था के तकनीकी सहयोग से स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित “रोगी हितधारक समूह” ने फाइलेरिया के खतरे और बचाव के उपायों पर जोर दिया। समूह की सदस्य सुषमा देवी (37) ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा, मुझे बाएं पैर में 10 वर्ष से फाइलेरिया है “अगर मैंने समय पर दवा ली होती, तो मुझे इस बीमारी का सामना न करना पड़ता।” एएनएम लक्ष्मी देवी ने बताया कि मच्छरों से फैलने वाली इस बीमारी का कोई इलाज नहीं है , यह बीमारी न हो इसके लिए डीईसी और एल्बेंडाजोल दवाएं साल में एक बार दी जाती हैं। 10 फरवरी से एमडीए अभियान के तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को अपने सामने इन दवाओं का सेवन कराएंगी।

टीबी के लक्षण और बचाव
टीबी की पहचान और रोकथाम पर जानकारी देते हुए एसटीएस मनोज धर द्विवेदी ने बताया कि दो सप्ताह से अधिक खांसी, बुखार, वजन कम होना और रात में पसीना आना टीबी के सामान्य लक्षण हैं। यह बीमारी संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से फैलती है। टीबी का इलाज पूरी तरह संभव है, बशर्ते दवाएं डॉक्टर की सलाह के अनुसार पूरी अवधि तक ली जाएं। इस दौरान, 50 संभावित टीबी रोगियों की जांच की गई, जिसमें 4 लोगों में टीबी के लक्षण पाए गए, जिनका ट्रू मशीन से दोबारा जांच कर इलाज शुरू किया जायेगा। इस मौके पर रोगी हितधारक समूह के सदस्य ग्राम प्रधान मोहम्मद इजहार सिद्दकी, कोटेदार मोहम्मद जुबैर, एसटीएस -मनोज धर द्विवेदी, आशा सुषमा देवी, आंगनबाड़ी सीमा कौशल, के आलावा सहित दर्जनों ग्रामवासी उपस्थित रहे।

9 ब्लॉकों में चलेगा एमडीए अभियान
जिला मलेरिया अधिकारी सुजाता ठाकुर ने जानकारी दी कि 10 फरवरी से 25 फरवरी तक एमडीए अभियान देवा, फतेहपुर, रामनगर, दरियाबाद, राम सनेही घाट, सिद्धौर, हरख, जाटा बरौली और अर्बन क्षेत्र में चलेगा। इन 9 ब्लॉकों में अब तक 3501 हाथीपांव (फाइलेरिया) और 805 हाईड्रोसिल के मरीज चिन्हित किए गए हैं। चयनित ब्लॉकों में गर्भवती महिलाओं, एक साल से कम उम्र के बच्चों और गंभीर रूप से बीमार रोगियों को छोड़कर सभी पात्र व्यक्तियों को दवा दी जाएगी। उन्होंने बताया अभियान के सफल संचालन के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है ताकि कोई भी पात्र व्यक्ति दवा सेवन से वंचित न रहे।

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