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अयोध्याः मस्जिद बनाने के लिए प्राधिकरण ने दी लैंड यूज बदलने को हरी झंडी

लखनऊ : अयोध्या में धन्नीपुर में प्रस्तावित मस्जिद के लिए अब सरकार की हां का इंतजार है। अयोध्या विकास प्राधिकरण 5 एकड़ कृषि भूमि पर मस्जिद बनने के लिए लैंड यूज बदलने के लिए अपनी हरी झंडी दे दी है। प्राधिकरण ने इस संबंध में अपनी अनुशंसा शासन से की है। शासन से ग्रीन सिग्नल मिलते ही इस स्थान पर मस्जिद ए अयोध्या बनाने के लिए सभी बाधाएं दूर हो जाएंगी।

अयोध्या में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राममंदिर का निर्माण शुरू हो गया। तेजी से निर्माण कार्य भी चल रहा है। जनवरी 2024 तक निर्माण पूरा हो जाने पर राममंदिर को आम श्रद्धालुओं के लिए खोल भी दिया जाएगा। वहीं दूसरी ओर कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद मुस्लिम पक्ष को सरकार की ओर से अयोध्या लखनऊ रोड पर 26 किलोमीटर दूर सोहावल ब्लाक के धन्नीपुर में 5 एकड़ जमीन दी गई। लेकिन अब तक यहां मस्जिद निर्माण शुरू नहीं हो पाया है।

उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने 11 सदस्यों वाले इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ट्रस्ट का गठन कर इसके निर्माण की जिम्मेदारी सौंपी। ट्रस्ट के सदस्य अरशद अफजाल कहते हैं कि हमने दो वर्ष पहले अयोध्या विकास प्राधिकरण में नक्शा पास करने के लिए आवेदन किया था। हमे उम्मीद है कि जल्द ही शासन से इसकी अनुमति मिल जाएगी। हर 26 जनवरी को धन्नीपुर मे मिली जमीन पर हम तिरंगा फहराते हैं इसके लिए मीटिंग भी बुलाई है, तब तक यदि शासन से अनुमति मिल गई तो उसी बैठक में मस्जिद निर्माण की रणनीति तय हो जाएगी।

अरशद अफजाल कहते हैं कि अयोध्या लखनऊ मुख्य हाइवे से धन्नीपुर पहुंचने वाला मुख्य मार्ग महज पांच मीटर होने के चलते फायर एनओसी नहीं मिल पा रही थी। लेकिन जिलाधिकारी की पहल से इसे 12 मीटर करने की अनुशंसा के साथ ही फायर एनओसी का भी रास्ता साफ हो गया। डीएम ने उन्हें यह भी बताया है कि अन्य सारी एनओसी मिल चुकी है।

अयोध्‍या के कमिश्‍नर और विकास प्राधिकरण के अध्‍यक्ष गौरव दयाल ने बताया कि ट्रस्ट ने नक्शा पास करने का आवेदन किया था। कृषि भूमि होने के चलते नक्शा नहीं पास किया जा सकता है। हालांकि प्राधिकरण ने लैंड यूज को बदलने के लिए अपनी स्वीकृति देते हुए इसकी लिखित संस्तुति शासन से कर दी है। शासन से अनुमति मिलते ही नक्शा पास हो जाएगा। इसके बाद मस्जिद निर्माण के लिए आगे का रास्ता साफ हो जाएगा।

प्रस्तावित मस्जिद की जगह पर 2000 नमाजियों के एक साथ नमाज पढ़ने की व्यवस्था वाली मस्जिद के साथ ही एक 200 बेड का अस्पताल भी बनना है। इसके अलावा 1857 की थीम पर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी मौलवी अहमदुल्लाह शाह को समर्पित एक म्यूजियम भी बनाया जाएगा। बताया जाता है कि इसमें एक सामुदायिक रसोई की भी व्यवस्था रहेगी।

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