उत्तराखंड

बाबा केदार की पंचमुखी डोली पहुंची धाम, अजेंद्र अजय ने की अगवानी

केदारनाथ। भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली आज शाम पौने चार बजे सेना के बैंड की भक्तिमय जय घोष के साथ श्री केदारनाथ धाम पहुंच गयी है। केदारनाथ धाम पहुंचे श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने पंचमुखी डोली के केदारनाथ धाम पहुंचने पर अगवानी की। इस अवसर पर बीकेटीसी सदस्य श्री निवास पोस्ती, वीरेंद्र असवाल, मुख्य कार्याधिकारी योगेंद्र सिंह भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर पंवार,दिनेश उनियाल ने पंचमुखी डोली के साथ पहुंचे श्रद्धालुओं का स्वागत किया। संस्कृति एवं कला परिषद उपाध्यक्ष मधु भट्ट भी श्री केदारनाथ धाम पहुंच गयी है। आज बृहस्पतिवार 9 मई को ही भगवान केदारनाथ जी की पंचमुखी डोली प्रात: 8.30 बजे तीसरे पड़ाव गौरामाई मंदिर गौरीकुंड से श्री केदारनाथ धाम प्रस्थान हुई थी।

बीते 6 मई को देवडोली श्री ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से श्री विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी से प्रवास हेतु पहुंची तथा मंगलबार 7 मई को दूसरे पड़ाव फाटा पहुंची थी 8 मई देर शाम को पंचमुखी डोली गौरामाता मंदिर गौरीकुंड पहुंची थी। उल्लैखनीय है श्री केदारनाथ धाम के कपाट कल शुक्रवार 10 मई को प्रात: सात बजे खुल रहे है। इसी संदर्भ में आज बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने यात्रा व्यवस्थाओं का जायजा लिया तथा मंदिर समिति अधिकारियों कर्मचारियों की बैठक में यात्रा व्यवस्था मंदिर दर्शन व्यवस्था हेतु निर्देश दिये। वहीं केदारनाथ पैदल मार्ग पर छोटी लिंचोली, लिंचोली, तथा केदारनाथ बेस केंप में जिला प्रशासन, पुलिस, गढवाल मंडल विकास निगम तथा स्थानीय दुकानदारों ने देव डोली का स्वागत किया। बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि सैकड़ों देश- विदेश के श्रद्धालुजन भी डोली यात्रा के साथ केदारनाथ पहुंचे है अभी तक पांच हजार लगभग श्रद्दालु केदारनाथ धाम पहुंच गये है।

पंचमुखी डोली के गौरीकुंड से केदारनाथ पहुंचने के समय केदारनाथ धाम के पुजारी शिवशंकर लिंग, कार्याधिकारी आरसी तिवारी, धर्माचार्य ओंकार शुक्ला, वेदपाठी यशोधर मैठाणी,स्वयंबर सेमवाल, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी डीएस भुजवाण एवं यदुवीर पुष्पवान, डोली प्रभारी प्रदीप सेमवाल, प्रबंधक कैलाश बगवाड़ी, संजय तिवारी,भरत कुलदीप धर्म्वाण, आलोक बजवाल,संजय कुकरेती मंदिरकर्मी विभिन्न विभागों के कर्मचारी अधिकारी सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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