नेमप्लेट विवाद पर बोले बाबा रामदेव- नाम छिपाने की जरूरत नहीं, काम में शुद्धता चाहिए
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने शुक्रवार को यह आदेश दिया कि कावंड़ यात्रा में पड़ने वाली दुकानों के आगे नेमप्लेट लगा होना चाहिए। जैसे कि फलों की दुकान, रेस्टोरेंट, या भोजनालय हो सभी के बाहर उनके मालिकों के नाम लिखे होने चाहिए। वहीं इस फैसले का विपक्षी दलों ने घोर निंदा की। उन्होंने इसे सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति बताया है। इस पर भाजपा के नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि हिंदुओं को भी अपनी आस्था और धर्म की शुद्धता बनाए रखने का ठीक उसी तरह पूरा हक है, जैसे अन्य सभी धर्मों के लोगों का है।
बाबा रामदेव ने नेमप्लेट विवाद पर प्रतिक्रिया दी
योग गुरु बाबा रामदेव ने कांवड़ यात्रा के मार्गों पर दुकानों पर नेमप्लेट लगाने के आदेश के विवाद पर प्रतिक्रिया दी है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने शुक्रवार को राज्य भर में कांवड़ यात्रा मार्गों पर स्थित सभी फलों की दुकानों, भोजनालयों और रेस्टोरेंट के मालिकों की नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया। इस फैसले को लेकर विवाद उत्पन्न हो गया है। विपक्षी दलों ने इस निर्णय को भाजपा की सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति का हिस्सा बताया है।
रामदेव को अपनी पहचान बताने में परेशानी नहीं…
दूसरी ओर, बीजेपी का कहना है कि हिंदुओं को भी अपनी आस्था की शुद्धता बनाए रखने का पूरा हक है, जैसे अन्य धर्मों के लोगों को है। बाबा रामदेव ने इस मुद्दे पर कहा, “अगर रामदेव को अपनी पहचान बताने में कोई परेशानी नहीं है तो रहमान को अपनी पहचान बताने में क्यों होनी चाहिए? अपने नाम पर गर्व सभी को होता है। नाम छिपाने की जरूरत नहीं है, काम में शुद्धता होनी चाहिए।” यह ध्यान देने योग्य है कि यूपी सरकार के इस फैसले के बाद, उत्तराखंड सरकार ने भी कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित फलों की दुकानों और भोजनालयों पर मालिक का नेमप्लेट लगाने का आदेश दिया है।
फैसले को सबसे पहले मुजफ्फरनगर में लागू किया गया
यूपी सरकार ने अपने निर्देश में यह भी स्पष्ट किया है कि हलाल सर्टिफिकेशन वाले उत्पाद बेचने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। उत्तराखंड पुलिस ने भी नेमप्लेट लगाने से संबंधित नियमों का पालन न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है। इस निर्णय को सबसे पहले मुजफ्फरनगर में लागू किया गया, जहां जिला पुलिस ने किसी भी प्रकार के भ्रम से बचने के लिए कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित सभी फलों की दुकानों और भोजनालयों को मालिक का नाम प्रदर्शित करने का आदेश दिया।