बाबा का ऐक्शन बन रहा देश का मॉडल
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की वापसी के बाद से ही अपराधियों पर बुलडोजर चल रहा है। अधिकतर माफिया घबरा कर राज्य से भाग गये। बड़े अपराधियों को पकड़ा गया और बिना डर के दंडित करने की पूरी छूट पुलिस को दे दी गयी। बाबा की हनक खासतौर से उस वक्त देखने को मिली जब राजस्थान, दिल्ली, पश्चिम बंगाल सहित अन्य राज्यों में साजिशन रामनवमी व हनुमान जंयती जैसे पर्व पर पत्थर फेंककर नफरत फैलाने की कोशिश की गयी, लेकिन यूपी में सभी धार्मिक इमारतों से अवैध लाउडस्पीकर बिना किसी पचड़े के हटा लिए गए और अब एमपी, बिहार सहित सभी भाजपा शासित राज्यों में बाबा की तर्ज पर बुलडोजर चलने लगे हैं। या यूं कहें कि उपद्रवियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलवाने के मॉडल को अब तक आधे दर्जन राज्यों ने अपनाया है। ऐसे में बड़ा सवाल तो यही है क्या बाबा का ऐक्शन देश का मॉडल बनने जा रहा है?
-सुरेश गांधी
जी हां, कुछ वाकयों में घटित पुलिस की बर्बरता को छोड़ दें तो यूपी में बाबा के बुलडोजर की हर तरफ सराहना हो रही है। यह बुलडोजर का ही कमाल है कि यूपी में पर्व सकुशल संपन्न हो रहे हैं। परशुराम जयंती पर निकले जुलूस पर पत्थर की जगह फूल बरसाए जा रहे हैं। अपराधी हों या माफिया, ढेर किए जा रहे हैं या पुलिस के हनक से सूबा छोड़ कर भाग रहे हैं। देश की सांस्कृतिक नगरी काशी में अपहरण, हत्या, रंगदारी जैसे उद्योगों की जगह अब विकास की फसल बोई जा रही है। हालांकि बाबा को देखना होगा कि उनके हनक की कहीं पुलिसिया सिस्टम दुरुपयोग न कर पाए, क्योंकि चंदौली सहित कई ऐसी घटनाएं है जहां सरकार की किरकिरी भी हुई है। यह अलग बात है कि बाबा की सख्त फरमान है कि अपराधी या माफिया को बख्शें नहीं, गरीब को छुएं नहीं। बुलडोजर किसी गरीब की झोपड़ी या दुकान पर नहीं चलेगा। लेकिन अफसोस है कि बंदरबाट का मजा चख चुके अफसर इसका दुरुपयोग करने से बाज नहीं आ रहे है। कुछ अफसर गांव-गिराव या शहर में लोगों के आपसी जमीनी विवादों को भी उलझाकर न सिर्फ उन्हें बुलडोजर का धौंस दिखाकर वसूली कर रहे हैं, बल्कि बाबा की साख पर पलीता भी लगा रहे है। जबकि बाबा ने गरीबों के प्रति संवेदनशीलता रखने का सख्त निर्देश दिया है।
बता दें कि जब दिल्ली, राजस्थान सहित चार राज्यों में बीते दिनों रामनवमी के दिन हिंसक घटनाएं हुईं, तब देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में 800 से अधिक स्थानों पर शांति से जुलूस निकले। न कहीं पत्थर चले और न ही हिंसा हुई। इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस बुलडोजर मॉडल की सफलता से जोड़कर देखा गया। यूपी में बुलडोजर मॉडल से अपराधियों और उपद्रवियों में भय पैदा होने से अप्रिय घटनाओं में आई कमी को देखते हुए देश के दूसरे राज्य भी इसे अपनाने लगे हैं। उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में बुलडोजर इस कदर चला कि मुख्यमंत्री योगी को अखिलेश यादव ने बुलडोजर बाबा तो मध्य प्रदेश के विधायक रामेश्वर शर्मा ने शिवराज सिंह चौहान को बुलडोजर मामा नामकरण कर दिया। मतलब साफ है उत्तर प्रदेश में उपद्रवियों और जमीनों पर कब्जा करने वालों के खिलाफ चले बुलडोजर की गूंज अब देश के दूसरे राज्यों को रास आने लगा है। अब तक 6 राज्यों में बुलडोजर मॉडल दिखा है। इस अभियान में भाजपा शासित दिल्ली नगर निगम भी शामिल हो गया। दिल्ली नगर निगम की ओर से जहांगीरपुरी हिंसा की घटना के बाद सड़कों पर बुलडोजर चलवार अतिक्रमण ध्वस्त किया गया। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तराखंड, बिहार और दिल्ली में अब तक बुलडोजर से उपद्रवियों और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ अभियान चला है।
बाबा के एक माह के कामकाज को देखें तो ब्यूरोक्रेसी में आई तेजी व जमीन पर योजनाओं के दिखने से कहा जा सकता है, “यह तो अभी ट्रेलर है, पिक्चर अभी बाकी है।“ या यूं कहे बाबा या योगी ने जो कहा, पूरा कर रहे हैं। फसली ऋण पहली कैबिनेट में माफ किया। बहन बेटियों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता है। आज छेड़खानी करने वालों में खौफ है। जो बड़ी उपलब्धि है।“ सरकार के एंटी रोमियो अभियान को असरदार फैसला माना गया। महिलाओं ने खास सराहा। या यूं कहे योगी आदित्यनाथ ने जिस तरह से काम किया है उसने विरोधियों को चुप करा दिया है। चुनाव के वक्त महज रस्म अदायगी समझने जाने वाले घोषणापत्र को सार्थक बनाने के लिए योगी सरकार ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। पिछले महीने योगी सराकार ने कई ऐसे फैसले लिए जो एक सीएम और नेता के तौर पर आदित्यनाथ की अलग पहचान बनाते हैं। चाहे वह 31 दिसंबर तक तीस जिले खुले में शौच से मुक्त का आदेश हो या गरीबों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने की प्रतिबद्धता हो। सब धरातल पर दिखने लगा है। इसके लिए योगी सरकार ने एडवांस लाइफ सपोर्ट वाली एंबुलेंस सेवा 75 जिलों के लिए 150 हाइटेक एंबुलेंस देने का एलान किया है। बाबा ने अपने ऊपर लगे सांप्रदायिकता के दाग को भी हटाने की कोशिश में है। इसके लिए योगी सरकार ने अल्पसंख्यकों के लिए सद्भावना मंडप योजना और गरीब मुस्लिम लड़कियों की शादी में मदद का ऐलान किया है।
यहां जिक्र करना जरुरी है कि पहले कार्यकाल में बाबा ने बुलडोजर का इस्तेमाल मतदाताओं में उम्मीद भरने के लिए किया था। यह नया विचार उन्हें देश के सबसे कड़े हिंदुवादी नेता के रूप में स्थापित करने के लिए था। हालांकि उनकी सरकार ने बड़ी विकास परियोजनाओं की शुरुआत की थी, पर उनकी मुख्य योजना इस सोच को हटाने की थी कि आबादी का एक वर्ग अपराध कर बच सकता है। उन्होंने अपराधियों की अवैध संपत्ति पर बुलडोजर चला दिया. अधिकतर माफिया घबरा कर राज्य से भाग गये. बड़े मुस्लिम अपराधियों को पकड़ा गया और अपराधियों को बिना डर के दंडित करने की पूरी छूट पुलिस को दी गयी. दूसरे कार्यकाल में इस संकल्पित नेता ने सभी धार्मिक इमारतों से अवैध लाउडस्पीकरों को हटाने का आदेश दिया. अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने की समझ को दूर करने के लिए उन्होंने सभी समुदायों के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया. बिना बुलडोजर के मंदिर व मस्जिद के बीस हजार से अधिक लाउडस्पीकर बंद हो गये हैं. जहां अन्य भाजपा शासित राज्य निराशा में अपने बाल नोच रहे हैं, उत्तर प्रदेश में कठोर शासक के रूप में योगी की छवि ने असंभव को संभव कर दिखाया. यह उत्साही साधु जो कहता है, वही करता है. गोरखपुर मठ में भी लाउडस्पीकरों का मुंह इमारत की ओर घुमा दिया गया है. उनकी संख्या भी कम कर दी गयी है. योगी ने वह कर दिखाया है, जो अदालतें और अन्य संस्थाएं नहीं कर सकी थीं.
राशनचोरों पर लगाम लगाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. अब प्रदेश में फर्जी कार्ड धारकों पर सख्त कार्रवाई होगी. प्रदेश में राशनचोरों से हर्जाने की वसूली की जाएगी। भू माफियाओं को भी छोड़ने के मूड में नहीं है. भू-माफियाओं पर लगाम लगाने के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। यूपी के गांव में 18 घंटे, शहरों को 24 घंटे बिजली देने का फैसला किया है. इसके साथ रही गांव में 48 घंट और शहरों में 72 घंटे में खराब ट्रांसफॉर्मर की बदले जाएंगे. बिजली चोरी रोकने के लिए अगले 100 दिनों में 5 लाख नए बिजली कनेक्शन देने का फैसला किया गया है. छात्रों को नर्सरी से ही अंग्रेजी शिक्षा पर जोर देने का फैसला किया है. 11वीं-12वीं में एक विदेशी भाषा पढ़ाने की भी योजना है. अगले 5 सालों में 25 नए मेडिकल कॉलेज का प्रस्ताव है. इसके साथ ही राज्य में 6 नए एम्स भी खोलने का लक्ष्य रखा गया है. किसानों के एक लाख तक के कर्ज माफी से सवा दो करोड़ किसानों को सीधा फायदा पहुंचेगा. राशन वितरण में होने वाली धांधली पर लगाम लगाने के लिए यूपी में स्मार्ट राशन कार्ड देने का फैसला किया गया है.
बुलडोजर चलने की चर्चित घटनाएं
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने जुलाई 2020 में कानपुर के बिकरू कांड में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या कर फरार अपराधी विकास दुबे की कोठी पर जब बुलडोजर चलवाया तो खूब सुर्खियां मिलीं। इसके बाद योगी सरकार का बुलडोजर रफ्तार पकड़ता गया। माफिया मुख्तार और अतीक के साथ उनके करीबियों के सैंकड़ों करोड़ के काले साम्राज्य पर बुलडोजर चलवाकर योगी सरकार ने तबाह कर दिया। विधान परिषद में योगी सरकार के जवाब के मुताबिक, अब तक 67 हजार एकड़ से ज्यादा की जमीन को खाली कराया गया है। बुलडोजर मॉडल के इस्तेमाल में मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार दूसरे स्थान पर रही। बीते 10 अप्रैल को राम नवमी के दिन खरगौन में शोभायात्रा पर पथराव और हिंसा करने के आरोपियों के घर शिवराज सरकार ने बुलडोजर भेज ढहवा दिए। इससे पहले श्योपुर जिले में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपियों के भी घर गिराए गए। रामनवमी के दिन गुजरात के खंभात में भी हिंसक वारदात हुई तो वहां की भूपेंद्र पटेल सरकार ने भी बुलडोजर मॉडल अपनाया। हिंसा के बाद प्रशासन ने अवैध दुकानों, घरों और सड़क किनारे झुग्गियों को हटवाने की कार्रवाई की। उत्तराखंड के डाडा जलालपुर में हनुमान जयंती पर उपद्रव करने वालों के घर पुलिस बुलडोजर लेकर पहुंची तो उन्हे सरेंडर करने के लिए मजबूर होना पड़ा। पुष्कर धामी सरकार ने सितारगंज में जेसीबी चलवाकर अवैध निर्माण हटवाया। बुलडोजर चलवाने में नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार की एनडीए सरकार भी पीछे नहीं रही। बिहार के छपरा में भी बुलडोजर मॉडल देखने को मिला। 25 मार्च 2021 को बालू कारोबारी सोनू राय की हत्या के बाद प्रशासन ने कुर्की के साथ बुलडोजर की कार्रवाई की।
भ्रष्ट अफसरों पर नकेल
ब्बाबा अब भ्रष्टाचार के विरुद्ध निष्पक्ष योद्धा के रूप में स्थापित हो रहे है. उन्होंने सेवा नियमों को लागू करते हुए अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो अधिकारी तीन माह के भीतर अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं देंगे, उनके साथ अपराधियों जैसा बर्ताव किया जायेगा. सभी मंत्री और सैकड़ों उच्च अधिकारी अपनी और परिवार की संपत्ति का विवरण सरकारी वेबसाइट पर डालेंगे. योगी ने उन्हें पांच हजार रुपये से अधिक का उपहार नहीं लेने की चेतावनी भी दी है. पांच हजार रुपये से अधिक के उपहार सभी उपहार सरकारी कोष में जमा किये जाते हैं. भीतरी सूत्रों के अनुसार, यह सब दागी अफसरों को निकालने के लिए किया जा रहा है. योगी की निगाह ऐसे दर्जनों अफसरों पर है और वे इंतजार कर रहे हैं कि ये लोग क्या-क्या सार्वजनिक करते हैं, ताकि उचित कार्रवाई हो सके. यही नियम मंत्रियों और विधायकों पर भी लागू हो रहा है. मंत्रियों को यह भी बताना है कि उन्होंने सभी जिलों में अधिकारियों से बात कर क्या योजनाएं बनायी हैं. ये तीव्र सक्रियताएं राज्य में लोकसभा की कम से कम 75 सीटें जीतने के मिशन 2024 का आधार होंगी.
विभागों की 100 दिन की कार्ययोजना तैयार कराया
खुद में कठिन परिश्रम की योग्यता रखने वाले सीएम योगी की ओर से सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभागों की 100 दिन की कार्ययोजना तैयार करने का फैसला भी यूपी के विकास को तीव्र गति प्रदान करने वाला बढ़ता कदम है। कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने, सरकारी कार्यालयों की व्यवस्थाओं को दुरस्त करने से लेकर जन सुविधाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का काम तेजी से किया जा रहा है। स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार, महिलाओं और युवाओं के लिए रोजगार के द्वारा खोलने के प्रयास और पहली बार होमगार्ड जवानों का स्वास्थ्य बीमा कराने का फैसला भी योगी सरकार की ओर से इन 30 दिनों में ही लिया गया। दो वर्ष के अंदर 10 लाख करोड़ रुपए के निवेश लक्ष्य के साथ फिर होगी ग्लोबल इन्वेस्टर समिट, 100 दिन में तीसरी ग्राउंड ब्रेंकिंग सेरेमनी, औद्योगिक निवेश की बढ़ावा देने के लिए बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है यूपी सरकार।
ताबड़तोड़ कार्रवाई
भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए कई आईएएस अधिकारियों के तबादले तो कई अधिकारियों को वेटिंग लिस्ट में डाला। भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनता से जुड़ी समस्याओं में अनदेखी करने के मामले में डीएम सोनभद्र और एसएसपी गाजियाबाद सस्पेंड। भ्रष्टाचार, लापरवाही और जनता से जुड़ी समस्याओं में अनदेखी करने के मामले में असिस्टेंट कमिश्नर( प्रभारी) वाणिज्य कर सचल दल, इकाई बस्ती आशुतोष मिश्रा को सस्पेंड किया। बिना मानचित्र स्वीकृति के इमारत निर्मित किए जाने के मामले में अवर अभियंता, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण शिव ओम को सस्पेंड किया। पिछले 20 दिनों में 200 करोड़ से ज्यादा की अवैध संपत्ति ध्वस्त या जब्त की गई है। जिसमें 25 माफिया डीजीपी ऑफिस और 8 शासन की तरफ से चिन्हित किए गए थे। योगी सरकार ने युवाओं को हाथों में 9.74 लाख टैबलेट और स्मार्टफोन देने की कार्रवाई शुरु की। अब यूपी में होमगार्ड के 20 प्रतिशत पदों पर होगी महिलाओं की भर्ती, 100 दिन में शुरु होगी प्रक्रिया। अपने क्षेत्र में नागरिकों की समस्या के तुरंत निस्तारण के लिए रात में अपनी तैनाती स्थल पर एसडीएम, सीओ और तहसीलदार को निर्देश दिया गया है। सभी कैबिनेट मंत्री अब फील्ड में जाएंगे। कैबिनेट मंत्रियों की अध्यक्षता में 18 मंडलों के लिए कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। यह टीमें हर मंडल में 72 घंटे का प्रवास करेंगी। प्रदेश में आने वाले पांच सालों में मेडिकल प्रोफेशनल सीटें दोगुनी होंगी। जिसमें पांच सालों में एमबीबीएस की 7000, पीजी की 3000, नर्सिंग की 14,500 और पैरामेडिकल की 3,600 सीटों को बढ़ाया जाएगा।