जीवनशैलीस्वास्थ्य

सेहत के लिए खतरनाक हो सकता है बैड कोलेस्ट्रॉल, इस तरह करें खत्‍म, इन चीजों का करें सेवन

नई दिल्ली : कोलेस्ट्रॉल बढ़ना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है। इससे आपको दिल के रोग, हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा समस्याओं का खतरा हो सकता है। कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है HDL cholesterol जिसे गुड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है और LDL cholesterol, जिसे गंदा या बैड कोलेस्ट्रॉल कहा जाता है। यह बैड कोलेस्ट्रॉल होता है स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बनता है।

शरीर के बेहतर कामकाज के लिए अच्छे कोलेस्ट्रॉल की जरूरत होती है क्योंकि यह आपकी रक्त वाहिकाओं में यानी खून से गंदे कोलेस्ट्रॉल को हटाने का कम करता है, सबसे बड़ी बात इसका लेवल बढ़ने से दिल की सेहत पर कोई नुकसान नहीं होता है। यह शरीर की कोशिकाओं को बनाने का काम करता है। यह गंदे कोलेस्ट्रॉल को लिवर में भेजने का काम करता है, जहां वो टूटकर शरीर से बाहर निकल जाता है।

ध्यान रहे कि गंदे कोलेस्ट्रॉल नसों को ब्लॉक कर सकता है जिससे ब्लड फ्लो थम सकता है और आपको हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है। न्यूट्रिशनिस्ट लवनीत बत्रा आपको बता रही हैं कि शरीर में Good cholesterol बढ़ाने के लिए आपको किन-किन चीजों का सेवन करना चाहिए।

चिया के बीज प्लांट बेस्ड ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और अन्य स्वस्थ पोषक तत्वों (nutrients) का एक बढ़िया स्रोत हैं। चिया के बीज को अपनी डाइट में शामिल करने से एलडीएल यानी खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने में मदद मिल सकती है। इतना ही नहीं, यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में भी सहायक है।

यह साबुत अनाज (Whole grains) बीटा ग्लूकन का एक बढ़िया स्रोत है जोकि एक घुलनशील फाइबर है, जो एचडीएल को बढ़ाने और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकता है।

अखरोट में मुख्य रूप से ओमेगा-3 फैट पाया जाता है, जोकि एक प्रकार का मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड होता है जिसमें दिल को स्वस्थ और मजबूत रखने की ताकत होती है। टोटल ब्लड कोलेस्ट्रॉल को कम करता है और एचडीएल यानी अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है। नारियल के तेल को कोलेस्ट्रॉल को अच्छे और बुरे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने के लिए जाना जाता है लेकिन इसके सेवन से ट्राइग्लिसराइड्स का लेवल नहीं बढ़ता है।

मांस का एक बढ़िया शाकाहारी विकल्प सोयाबीन अनसैचुरेटेड फैट, फाइबर और प्रोटीन का बढ़िया स्रोत है। इसके अलावा इसमें मौजूद आइसोफ्लेवोन्स एचडीएल लेवल को बढ़ाते हैं और फाइटोएस्ट्रोजेन एलडीएल लेवल और ट्राइग्लिसराइड्स को कम करते हैं।

Related Articles

Back to top button