कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रविवार को ओडिशा के बालासोर जिले के बहनागा रेलवे स्टेशन पर शुक्रवार शाम को हुए भयानक ट्रेन हादसे में राज्य के मरने वालों की संख्या 62 बताई। आनन-फानन में बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “कुल 182 शवों की पहचान अभी बाकी है। हमने सभी जिलों में तस्वीरें प्रसारित की हैं। पहचान प्रक्रिया पूरी होने के बाद राज्य में मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।”
उन्होंने अनारक्षित डिब्बों में यात्रा करने वालों के नाम रेलवे के पास आसानी से उपलब्ध होने पर संदेह जताया। उन्होंने कहा, “वह सूची अभी राज्य सरकार तक नहीं पहुंची है। इसलिए बंगाल के मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ सकती है।”ममता ने यह भी आरोप लगाया कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार वास्तविक हताहतों की संख्या में हेरफेर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा, “हमारी गणना में जहां हताहतों की संख्या बढ़ रही है, केंद्र सरकार इसे कम होने का दावा करती है। जब नीतीश कुमार या लालू प्रसाद यादव या मैं रेलमंत्री थे, तब रेल दुर्घटनाओं में मौत के आंकड़ों को छुपाते नहीं थे। भाजपा ने आंकड़ा छुपाने का एक नया राजनीतिक खेल शुरू किया है।”
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के नेतृत्व ने दावा किया है कि बालासोर ट्रेन दुर्घटना की केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच के लिए रेलवे बोर्ड की सिफारिश त्रासदी के पीछे के वास्तविक कारणों को छिपाने की एक और चाल हो सकती है, क्योंकि सीबीआई केंद्र सरकार के इशारे पर काम करती है। पार्टी के एक नेता ने कहा, “सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों की विश्वसनीयता अब बहुत कम रह गई है, क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा इसे विपक्षी दलों के खिलाफ उपकरण के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। इसलिए हमें सीबीआई जांच में कोई विश्वास नहीं है।”
हालांकि, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि चूंकि दुर्घटना के पीछे तोड़फोड़ का संदेह है, इसलिए मामले की केंद्रीय एजेंसी से जांच की जरूरत है।