मुजफ्फरपुर : बिहार के चर्चित बालिका गृह कांड में न्यायालय ने महत्वपूर्ण आदेश दिया है। कांड के मास्टरमाइंड उम्र कैद सजायाफ्ता ब्रजेश ठाकुर के भाई की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिया गया है। बालिका गृह कांड से जुड़े स्वाधार गृह कांड में मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के चचेरे भाई रमेश कुमार की अग्रिम जमानत अर्जी दी थी। विशेष कोर्ट के जज पुनीत कुमार गर्ग ने सोमवार को रमेश की याचिका खारिज कर दी है। कोर्ट ने नौ जून को अर्जी पर सुनवाई पूरी करते हुए आदेश सुरक्षित रख लिया था।
अर्जी खारिज होने के बाद रमेश पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। उसके अधिवक्ता सुधीर कुमार ओझा ने बताया कि बेल के लिए अब पटना हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की जाएगी। विशेष कोर्ट ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है। रमेश स्वाधार गृह में सचिव था। स्वाधार गृह से 11 महिलाओं व चार बच्चों के गायब होने पर रमेश के खिलाफ भी महिला थाने की पुलिस को साक्ष्य मिले थे। इस आधार पर बीते 30 अप्रैल को पुलिस ने रमेश कुमार व अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। वह सकरा के पचदही का निवासी है। फिलहाल, दिल्ली में रह रहा है। इससे पहले कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ संज्ञान लिया था। बीस जून को उसके खिलाफ विशेष कोर्ट में आरोप गठन के बिंदु पर सुनवाई होगी।
बालिका गृह कांड में सजा सुनाए जाने के बाद ब्रजेश ठाकुर व अन्य आरोपित दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं। स्वाधार गृह कांड को लेकर 30 जून 2018 को महिला थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई थी। बालिका गृह कांड के खुलासे के बाद अधिकारियों ने नगर थाना के साहू रोड स्थित भारत माता लेन में स्वाधार गृह की जांच की थी। स्वाधार गृह का संचालन भी ब्रजेश ठाकुर और उसके साथी कर रहे थे। रमेश ठाकुर ब्रजेश की संस्था सेवा संकल्प एवं विकास समिति का सचिव था। इस गृह से 11 महिलाएं और चार बच्चे गायब मिले थे।