17 साल बाद हटेगी खालिदा जिया के बैंक खातों पर लगी रोक
ढाका: बांग्लादेश में कर अधिकारियों ने बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया के बैंक खातों पर 17 साल पहले रोक लगायी गयी रोक को हटाने का फैसला किया है। ‘डेली स्टार’ समाचार पत्र की रिपोर्ट के अनुसार राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड (एनबीआर) ने सोमवार को बैंकों को बीएनपी अध्यक्ष जिया के खातों पर लगी रोक हटाने का निर्देश दिया। अगस्त 2007 में एनबीआर के केंद्रीय खुफिया प्रकोष्ठ ने बैंकों को बीएनपी अध्यक्ष के खातों पर रोक लगाने का निर्देश दिया था। वह 1990 के बाद से दो बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री चुनी जा चुकी हैं।
एनबीआर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय सेना समर्थित तत्कालीन कार्यवाहक सरकार के दौरान गठित एक समिति की सिफारिश पर आधारित था। इसके बाद से ही उनके बैंक खातों पर रोक लगी हुई है। बीएनपी ने कई मौकों पर इन पर रोक हटाने की मांग की है। बाद में उन्हें नियमित खर्चों के लिए ढाका छावनी में रूपाली बैंक की शहीद मोइनुल रोड शाखा से हर महीने एक निश्चित राशि निकालने की अनुमति दी गई। तत्कालीन कार्यवाहक सरकार ने शेख हसीना के बैंक खातों पर भी रोक लगा दी थी, लेकिन उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद उन पर से रोक हटा दी गई।
यह ताजा कदम पांच अगस्त को खालिदा की पुरानी प्रतिद्वंद्वी हसीना को बड़े पैमाने पर विद्रोह के बाद सत्ता से बेदखल करने के बाद उठाया गया है। बांग्लादेश अवामी लीग का 15 साल पुराना शासन खत्म हो गया है। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार ने आठ अगस्त को शपथ ली। जिया (79) को पांच अगस्त को हसीना (76) के देश छोड़कर चले जाने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया था। जिया मार्च 1991 से मार्च 1996 तक और फिर जून 2001 से अक्टूबर 2006 तक बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं।