मीठे पके हुए केले खाने से मूड अच्छा बन जाता है। क्योंकि, इससे ना केवल पेट भरता है बल्कि, इसकी मिठास और ठंडक भरा स्वाद मन खुश कर जाता है। केले का फल हर मौसम में उपलब्ध होता है। साथ ही हेल्दी डायट के लिहाज से यह फल ज़्यादातर लोगों के लिए अनुकुल और फायदेमंद होता है। केला पौटेशियम के सबसे अच्छे नैचुरल सोर्सेस में से है। यूनिवर्सिटी ऑफ ऐलाबामा में छपी एक स्टडी के अनुसार पोटैशियम युक्त खाद्य का सेवन वैस्कुलर बीमारियों से बचाने मे मददगार है। तो, वहीं केला कमज़ोरी भी दूर करता है। इसके अलावा भी केला शरीर को कई प्रकार से हेल्दी बनाता है।
फाइबर जो करता है वज़न कम
जैसा कि केला पोटैशियम से भरपूर फल है। लेकिन, इसमें डायटरी फाइबर भी काफी अधिक होता है। इसीलिए, यह वेट लॉस के लिए एक मददगार फूड साबित होता है। फाइबर की मौजूदगी से एक केला खाकर भी पेट भर जाता है। इससे, और अधिक खाने की इच्छा नहीं होती। जिससे, कम कैलोरी लेने और ओवरइटिंग की चिंता नहीं रहती है। फाइबर से पाचन भी सुधरता है जिससे, मेटाबॉलिज़्म बढ़ने और वेट लॉस में सहायता होती है। साथ ही केले में होता है विटामिन बी6, जो कमज़ोरी महसूस नहीं होने देता।
हार्ट-फ्रेंडली फूड
फोलेट, फाइबर, पोटैशियम और शक्तिशाली एंटीऑक्सिडेंट्स, केले को एक हार्ट हेल्दी फूड बनाते हैं। इसका अर्थ है कि केले के सेवन से दिल की सेहत अच्छी बनती है। इससे, ब्लड प्रेशर कम होता है और बैड कोलेस्ट्रॉल घटता है। यह दोनों ही स्थितियां दिल की बीमारियों का खतरा कम करती हैं। इसीलिए, ऐसा कहा जा सकता है कि केला खाने से दिल का स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
ब्लड शुगर लेवल होता है कम
कच्चे केले में रेज़िस्टेस स्टार्च होता है। यह इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाता है जो, डायबिटीज़ का खतरा कम करती है। इसी तरह केले में सोल्यूबल फाइबर होते हैं। जो, डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए फायदेमंद होते हैं। केला एक लो-ग्लाइसेमिक इंडेक्स (जीआई) फूड भी है और इसे डायबिटीज़ डायट में आसानी से शामिल किया जा सकता है।