फर्जी पहचान पत्र के साथ पकड़ा गया बांग्लादेश परिवार
कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले की पुलिस ने कथित तौर पर फर्जी पहचान पत्र रखने के आरोप में एक किशोर सहित एक बांग्लादेशी परिवार के पांच सदस्यों को हिरासत में लिया है। गिरफ्तार परिवार के सदस्यों में एक कपल, उनके बच्चे और महिला के पिता शामिल हैं। पुलिस ने कहा कि, उन्हें फर्जी भारतीय पासपोर्ट, बांग्लादेशी पासपोर्ट, आधार कार्ड और अन्य दस्तावेज रखने और अवैध रूप से कानपुर में रहने के लिए हिरासत में लिया गया था। उन्हें मेस्टन रोड से गिरफ्तार किया गया।
पुलिस के मुताबिक, जेल में बंद समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी और स्थानीय पार्षद मन्नी रहमान ने मूल रूप से बांग्लादेश के खुलना निवासी रिजवान और उसके परिवार के सदस्यों को प्रमाण पत्र जारी किया था। संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) आनंद प्रकाश तिवारी ने कहा कि, सोलंकी और रहमान के हस्ताक्षर का मिलान परिवार को जारी प्रमाणपत्रों से किया जाएगा ताकि यह देखा जा सके कि वे धोखाधड़ी के दोषी हैं या नहीं।
पुलिस ने 13 फर्जी पासपोर्ट, पांच आधार कार्ड, शिक्षा प्रमाण पत्र, विदेशी मुद्रा, सोने के गहने और 14 लाख रुपये से अधिक की राशि भी जब्त की है। गिरफ्तार और हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान 53 वर्षीय रिजवान मोहम्मद, उनके पिता खालिद माजिद, 79, उनकी पत्नी हिना खालिद और उनके दो बच्चों के रूप में हुई है।
पुलिस ने कहा कि, रिजवान ने शुरू में उन्हें गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन बाद में पूछताछ के दौरान अपराध कबूल कर लिया। रिजवान ने पुलिस को बताया कि, वह 1996 में टूरिस्ट वीजा पर भारत आया था और 1998 में दिल्ली में हिना खालिद से शादी की थी। उन्होंने कहा कि, हिना अनधिकार प्रवेश करके बांग्लादेश भी गई थी और भारत लौटने से पहले उसने बांग्लादेशी पासपोर्ट प्राप्त किया था।
उनके बच्चे 21 वर्षीय रुखसार रिजवान और उनका 17 वर्षीय बेटा भी अवैध रूप से बांग्लादेश गए थे और वहां पासपोर्ट प्राप्त किया था। उन पर भारतीय दंड संहिता और 1946 के 14-विदेशी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। मामले की विस्तृत जांच चल रही है।