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बैंक घोटाला : केंद्रीय बैंक प्रबंधक तामेश्वर को पुलिस ने किया गिरफ्तार, क्लर्क की तलाश जारी

बालोद : जिले के ग्राम निपानी स्थित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में किसानों के खातों में हुई करोड़ों की धोखाधड़ी के मामले में बालोद पुलिस ने फरार चल रहे प्रबंधक तामेश्वर नागवंशी को गिरफ्तार कर लिया है। इसके पूर्व करीब चार माह पहले गबन मामले के मुख्य आरोपित कैशियर अजय कुमार भेड़िया को बालोद पुलिस ने नारायणपुर जिला से गिरफ्तार कर जेल भेजा है। क्लर्क की तलाश जारी है। दरअसल लगभग पांच साल से कैशियर के साथ मिलकर प्रबंधक और क्लर्क तीनों इस आर्थिक गड़बड़ी को अंजाम दे रहे थे। जिसकी जांच भी चल रही है। पांच सदस्यीय टीम इस गबन की जांच के लिए बनाई गई थी। कई किसानों का पैसा मिल भी चुका है तो कई किसानों का पैसा अब भी बाकी है।

दरअसल चार माह पहले 26 फरवरी को निपानी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक में खाता धारकों की राशि गबन करने का मामला सामने आया था। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक नोडल अधिकारी सत्येन्द्र वैदे ने जांच में घोटाले की पुष्टि होने के बाद प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पांच जनवरी से 23 फरवरी के बीच जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा निपानी में कुछ खाता धारकों द्वारा अपने बैंक खाता एवं जमा किये गये फिक्स डिपाजिट की राशि को बैंक सीबीएस (कोर बैकिंग सिस्टम) पर चेक करने से खाता धारकों खाते में जमा राशि में कमी पाई गई।

निपानी के ग्रामीणों द्वारा एफडीआर की राशि जमा नहीं होने की शिकायत शाखा में विभिन्न खाता धारकों द्वारा बैंक प्रबधन से की गई। इसके बाद बैंक प्रबधन द्वारा सात सदस्यीय जांच टीम गठित की गई। जांच टीम द्वारा जिला सहकारी क्रेन्दीय बैंक मर्यादित शाखा निपानी कैशियर अजय कुमार भेड़िया एवं अन्य द्वारा शाखा अमानतदारों के खाता जांच में पाया गया कि कुल 18,30,000 रूपये की धोखाधड़ी की गई है। शिकायत पर थाना बालोद में अपराध पंजीबद्व कर विवेचना में लिया गया था। बैंक खाता धारकों की शिकायत की जांच जारी है। और धोखाधड़ी की रकम करोड़ो में पहुंचने की संभावना है।

किसानों के अनुसार उनके खाते से काटे गए पूरे पैसे नहीं दिए जा रहे हैं। बल्कि कटौती कर खाते में ट्रांसफर की जा रही है। इस बात को लेकर गुंडरदेही के पूर्व विधायक वीरेंद्र साहू ने बैंक प्रबंधन से मुलाकात कर किसानों व प्रतिनिधियों से चर्चा की। इस पर वीरेंद्र साहू ने आपत्ति जताते हुए किसानों का पूरा पैसा उन्हें दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इसमें कटौती न की जाए। जो आश्वासन अफसरों ने पूर्व में आंदोलन के दौरान दिया था। उसे अमल में लाया जाए, वरना किसानों के साथ मिलकर आगे भी आंदोलन किया जाएगा।

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