
नई दिल्ली: देश के बैंकिंग सिस्टम में जान फूंकने और रुपये को मजबूती देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एक बड़ी योजना तैयार की है। केंद्रीय बैंक ने बाजार में नकदी का प्रवाह बढ़ाने के लिए 45 हजार करोड़ रुपये (लगभग 5 अरब अमेरिकी डॉलर) के निवेश का खाका खींचा है। इस मेगा प्लान को अंजाम देने के लिए आरबीआई ने 16 दिसंबर की तारीख चुनी है। यह तारीख भारत के लिए ऐतिहासिक महत्व रखती है क्योंकि इसी दिन 1971 में भारत ने पाकिस्तान पर जीत हासिल की थी, जिसे पूरा देश ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाता है। अब इसी दिन आरबीआई वित्तीय मोर्चे पर एक बड़ा कदम उठाने जा रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सोमवार को दी गई जानकारी के अनुसार, 16 दिसंबर को 5 अरब अमेरिकी डॉलर की ‘अमेरिकी डॉलर-भारतीय रुपया खरीद/बिक्री अदला-बदली’ के लिए नीलामी आयोजित की जाएगी। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य फाइनेंशियल सिस्टम में अतिरिक्त लिक्विडिटी यानी नकदी डालना है। इस नीलामी के तहत बैंक आरबीआई को डॉलर बेचेंगे और बदले में आरबीआई बैंकों को भारतीय रुपये देगा। इससे बाजार में रुपये की उपलब्धता बढ़ेगी, जिससे बैंकिंग सिस्टम को मजबूती मिलेगी और रुपये को भी सहारा मिलने की उम्मीद है।
केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि यह एक साधारण विदेशी मुद्रा अदला-बदली प्रक्रिया होगी। इसके तहत आरबीआई 16 दिसंबर को 36 महीने की अवधि के लिए नीलामी करेगा। इस सौदे की शर्त यह होगी कि अदला-बदली की अवधि खत्म होने पर बैंकों को उतनी ही मात्रा में अमेरिकी डॉलर वापस खरीदने होंगे। नीलामी में शामिल होने के लिए न्यूनतम बोली का आकार एक करोड़ अमेरिकी डॉलर रखा गया है, जिसके बाद इसे 10 लाख डॉलर के गुणक में बढ़ाया जा सकता है।
डॉलर-रुपये की अदला-बदली के अलावा आरबीआई ने नकदी प्रवाह को सुचारू रखने के लिए एक और बड़ा ऐलान किया है। रिजर्व बैंक सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद के जरिए भी बाजार में पैसा डालेगा। इसके लिए 11 दिसंबर और 18 दिसंबर 2025 को दो चरणों में कुल एक लाख करोड़ रुपये की सरकारी सिक्योरिटीज की खरीद नीलामी आयोजित की जाएगी। दोनों तारीखों पर 50-50 हजार करोड़ रुपये की नीलामी होगी। आरबीआई ने भरोसा दिलाया है कि वह बाजार के हालात और नकदी की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और जरूरत पड़ने पर आगे भी उचित कदम उठाए जाएंगे।



