बैंक कम ब्याज पर दे रहे हैं 25,000 से 5 लाख तक का कोविड-19 पर्सनल लोन…
नई दिल्ली: कोरोना और लॉकडाउन से लोगों की आमदनी पर असर पड़ा है। इसी को देखते हुए कई बैंकों ने अपने मौजूदा ग्राहकों के लिए कोविड-19 स्पेशल पर्सनल लोन लॉन्च किए हैं। बैंक कम ब्याज पर 25,000 रुपये और 5 लाख तक का लोन बैंक उपलब्ध करा रहे हैं। वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि बैंकों की यह योजना वेतनभोगी वर्ग के लिए एक बेहतर विकल्प है। यह जरूर ख्याल रखें कि अगर लोन की जरूरत नहीं हो तो इसे नहीं लें। सिर्फ कम ब्याज के चक्कर में लोन लेना सही फैसला नहीं होता है।
- 7 से 10% की दर से बैंक दे रहे हैं कोविड-19 स्पेशल पर्सनल लोन
- 12 से 20% तक वसूलते थे बैंक पर्सनल लोन कोरोना संकट से पहले
- 3 वर्ष की अधिकतम अवधि के लिए लोन दे रहे हैं अधिकांश बैंक
टॉप-अप लोन भी एक अच्छा विकल्प
बैंकिंग विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना संकट और लॉकडाउन के कारण नकदी का संकट बढ़ा है। ऐसे में जिन लोगों ने पहले से होम लोन लिया है उनके लिए उसपर टॉप-अप लोन भी एक अच्छा विकल्प है। वह बैंक में आवेदन कर आसानी से टॉप-अप लोन प्राप्त कर सकते हैं। इसपर ब्याज भी कम भुगतान करना होता है और बैंक आसानी से यह लोन दे भी देते हैं।
लोन भुगतान का बेहतर रिकॉर्ड जरूरी
बैंक उन्हें ही कोविड-19 स्पेशल पर्सनल लोन दे रहे हैं जिनका पहले से लोन चुकाने का रिकॉर्ड बेहतर रहा है। बैंकों के अनुसार, मौजूदा उधारकर्ता, वेतनभोगी वर्ग वाले ग्राहक या पेंशन खाताधारक को वह सस्ते ब्याज पर लोन मुहैया करा रहे हैं। इसके अलावा, लोन आवेदकों के पास लॉकडाउन से पहले की लोन भुगतान का एक अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड होना आवश्यक है। आम लोगों को यह लोन लेने की सुविधा बैंक नहीं दे रहे हैं।
ब्याज दर और प्रोसेसिंग फीस
सभी बैंक पर्सनल लोन पर 10% से 24 फीसदी तक ब्याज वसूलते हैं। प्रोसेसिंग फीस भी होती है। कोविड-19 स्पेशल पर्सनल लोन में बैंक सात फीसदी से लेकर 10% तक ब्याज ले रहे हैं। प्रोसेसिंग फीस नहीं ले रहे हैं। वित्तीय विशेषज्ञों ने कहा कि जिन नौकरीपेशा वर्ग को नकदी संकट का सामना करना पड़ रहा है उनके लिए बेहतर विकल्प है।
इन पांच गलतियों से बचें
- समय पर लोन की ईएमआई भुगतान को सुनिश्चित करें
- उतना ही उधार लें, जितना आप चुका सकें
- लोन लेने से पहले बैंक के नियम एवं शर्तों को पढ़ें
- लोन अवधि का चयन समझदारी से करें
- एक से अधिक लोन लेने से बचें