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नोट बदलने आए लोगों के लिए ‘शेड’ और पानी की व्यवस्था करें बैंक : RBI

मुंबई : भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बैंकों को सलाह दी है कि वे 2,000 रुपये का नोट बदलने या जमा करने आए लोगों को धूप के बचाने के लिए ‘शेड’ का इंतजाम करें। साथ ही कतार में लगे लोगों के लिए पीने के पानी की भी व्यवस्था की जाए।

उल्लेखनीय है कि 2016 में नोटबंदी के दौरान बैंकों में नोट बदलने के लिए कतारें लगी थीं और आरोप है कि इस दौरान कई ग्राहकों की मृत्यु भी हो गई थी। गत शुक्रवार को 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा के बावजूद यह वैध मुद्रा बना रहेगा। 2016 में नोटबंदी की घोषणा के बाद ऐसा नहीं था। उस समय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा था।

रिजर्व बैंक ने सोमवार को जारी अधिसूचना में कहा, ”बैंकों को अपनी शाखाओं में इंतजार करने वाले ग्राहकों के लिए शेड और पानी की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। बैंकों को नोट बदलने की सुविधा सामान्य तरीके से काउंटर पर उपलब्ध कराने को कहा गया है। इसके अलावा बैंकों को रोजाना जमा किए जाने वाले और बदले जाने वाले 2,000 के नोटों का ब्योरा रखने को कहा गया है।

चलन में मौजूद सबसे ऊंचे मूल्य की मुद्रा को अचानक वापस लेने की हैरान करने वाली घोषणा के बाद दास ने सोमवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि यह फैसला केंद्रीय बैंक के मुद्रा प्रबंधन का हिस्सा है।

उन्होंने स्पष्ट किया कि 2,000 का नोट वैध मुद्रा बना रहेगा। गवर्नर ने कहा कि यूक्रेन युद्ध और पश्चिम के देशों में कुछ बैंकों के विफल होने के बावजूद देश की मुद्रा प्रबंधन प्रणाली काफी मजबूत और विनिमय दर स्थिर है।

दास ने कहा कि 2,000 के नोटों को चलन से हटाने के फैसले का अर्थव्यवस्था पर ‘बहुत ही सीमित’ असर होगा। चलन में मौजूद कुल मुद्रा में 2,000 के नोट का हिस्सा सिर्फ 10.8 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि 2016 में नोटबंदी के बाद नकदी की कमी की भरपाई के लिए 2,000 रुपये का नोट लाया गया था।

गवर्नर ने कहा कि जिस किसी के पास 2,000 रुपये का नोट है वह उसे अपने बैंक खाते में जमा कर सकता है या किसी अन्य मूल्य की मुद्रा से बदल सकता है। ”बैंकों को 2,000 का नोट बदलने के लिए जरूरी व्यवस्था करने की सलाह दी गई है।”

उन्होंने कहा, ”हमें उम्मीद है कि 30 सितंबर की समयसीमा तक 2,000 के ज्यादातर नोट वापस हो जाएंगे।” दास ने कहा, ”प्रणाली में पहले ही पर्याप्त नकदी है। सिर्फ रिजर्व बैंक ही नहीं, बैंकों के संचालन वाले करेंसी चेस्ट में भी पर्याप्त नकदी है। चिंता की कोई बात नहीं है।” उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक लोगों की परेशानियों को लेकर संवेदनशील है। यदि लोगों को किसी तरह की परेशानी आती है, तो जरूरत होने पर केंद्रीय बैंक नियमन लेकर आएगा।

दास ने कहा बैंक खाते में 50,000 रुपये या अधिक की राशि जमा कराने पर जो मौजूदा स्थायी खाता संख्या (पैन) की अनिवार्यता का नियम है, वह 2,000 के नोटों के मामले में भी लागू होगा। उन्होंने कहा कि प्रणाली में नकदी या तरलता की स्थिति की निरंतर निगरानी की जाएगी।

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