हमारे देश के युवा आज क्राइम की दलदल में धसते जा रहे है। आए दिन रेप जैसे जघन्य अपराध होते है। इसकी वजय कहीं ना कहीं पोर्न वेबसाइट को भी माना जाता है। इस कड़ी में केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। जिसमें इंटरनेट सर्विस प्रोवाइड कंपनियों को 2021 में जारी किया गए नए IT नियमों के उल्लंघन के आरोप में 67 पोर्न वेबसाइट को ब्लॉक करने का आदेश दिया है।
पुणे की एक अदालत के आदेश के आधार पर दूरसंचार विभाग ने इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को एक ईमेल भेजा है। जिसमें कंपनियों से 63 वेबसाइट को बैन कर दिया है। जबकि उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेश तथा इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की ओर से जारी निर्देशों के आधार बनते हुए चार वेबसाइट को ब्लॉक करने को कहा गया है।
महिलाओं के शील को भंग करती है
डीओटी की ओर से 24 सितंबर को एक आदेश जारी किया गया है। जिसमें कहा गया है कि ‘सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021 के नियम-3(2)(बी) के साथ पढ़े गए उत्तराखंड उच्च न्यायालय के अनुपालन में और वेबसाइट पर उपलब्ध कुछ अश्लील सामग्री को देखते हुए, जो महिलाओं के शील को भंग करती है और इलेक्ट्रॉनिक एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने इन वेबसाइट को तत्काल ब्लॉक करने का आदेश जारी किया है।’
पॉपुलर यूट्यूबर ध्रुव राठी का Video भी ब्लॉक
वहीं इससे पहले देश के सुरक्षा तंत्र के खिलाफ काम करने और नफरत फैलाने के आरोप लगाते हुए Youtube के 10 चैनलों के 45 वीडियो के खिलाफ कार्रवाई की है। यहा कार्रवाई सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने की है। दरअसल मंत्रालय ने 45 वीडियो को ब्लॉक करने का आदेश दिया है। बता दें कि ये वीडियोज दस अलग-अलग चैनलों के हैं। ब्लॉक्ड वीडियोज में से एक वीडियो पॉपुलर यूट्यूबर ध्रुव राठी का भी है। जानकारी के अनुसार इन वीडियो को 1 करोड़ 30 लाख से अधिक लोगों ने देखा है। सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने ये फैसला 23 सितंबर को लिया है।
सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है कि “सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने देश के खिलाफ जहर उगलने और नफरत फैलाने के आरोप में 10 यू-ट्यूब चैनलों के 45 वीडियो को ब्लॉक करने का निर्देश दिया है”।
पीएम की छवी खराब करने की कोशिश
दरअसल इन वीडियो में ये दावा किया गया था कि सरकार ने कुछ धार्मिक समुदायों के अधिकारों को छीन लिया है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि “इस तरह के वीडियो के द्वार सांप्रदायिक तनाव पैदा करने और व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई थी।”उन्होंने कहा कि इन वीडियो के जरिए राष्ट्राध्यक्षों के साथ प्रधानमंत्री की छवि खराब करने की भी कोशिश की गई।जिसके चलते यू-ट्यूब ने जम्मू-कश्मीर को लेकर दिखाया गया भारतीय सीमा से जुड़ा ध्रुव राठी का वीडियो भी हटाया है।