बाराबंकी : 17 लाख रुपए हजम करने के लिए गढ़ डाली लूट की कहानी, दो गिरफ्तार
बाराबंकी, 09 अगस्त, दस्तक टाइम्स (राहुल मौर्या) : बाराबंकी पुलिस ने 17 लाख रुपए हजम करने के मामले पर से पर्दा हटाने का दावा पुलिस ने किया है। झूठी लूट की यह घटना किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं लगती। 17 लाख रुपए लूट की झूठी कहानी के आधार पर दो लोग हजम कर पाते उससे पहले ही पुलिस ने दूध का दूध और पानी का पानी कर दिया। आईने की तरह साफ हुए इस मामले में मुकदमा लिखाने वालों के पास से ही कथित लूट की पूरी रकम 17 लाख पुलिस ने बरामद कर ली। इसके साथ ही, झूठी कहानी गढ़ने और मुकदमा लिखा कर पैसा हड़पने की कोशिश करने वाले दोनों व्यक्तियों को गिरफ्तार कर पुलिस उन्हें जेल भेजने का काम कर रही है। इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करने वाली पुलिस टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की गई।
लूट का मामला दर्ज करवाने वाले गिरफ्तार
पुलिस ने इस मामले में निहाल सिंह और मुन्ना लाल चौहान को गिरफ्तार किया है। ये दोनों यूपी के आजमगढ़ के रहने वाले हैं। गोरखपुर की सिंह कंस्ट्रक्शन नामक कंपनी के लिए ये दोनों काम करते हैं। बीते 7 अगस्त को इन दोनों ने पुलिस को सूचना दी कि लखनऊ से गोरखपुर जाते समय एक स्कार्पियो गाड़ी से आए कुछ बदमाशों ने उनसे 17 लाख रुपए लूट लिए। पुलिस अधीक्षक ने तत्काल तीन टीमें गठित कर जांच शुरू कर दी।
लूट की कहानी गढ़ने में बरती बहुत चालाकी, पर काम न आई
पुलिस ने मौके का निरीक्षण करने के साथ उन जगहों के भी निरीक्षण किए जहां इन्हें पैसे दिए गए थे। इस जांच में पुलिस का ध्यान एक बात की ओर गया कि इन दोनों ने हर जगह सीसीटीवी कैमरे के सामने आकर पैसा लिया है। इसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ की तो उनके बयान भिन्न मिले। तब पुलिस ने दोनों के साथ थोड़ी सख्ती बरती तो मामला तुरंत साफ हो गया। रिपोर्ट लिखाने वाले मुन्ना लाल चौहान और निहाल सिंह ने स्वीकार किया कि उनके साथ कोई लूट की वारदात नहीं हुई है। पुलिस ने मुन्ना लाल और निहाल सिंह की निशानदेही पर 17 लाख रुपए उनकी स्कार्पियो से बरामद कर लिए। पैसे और गाड़ी के अलावा वह सरिया भी बरामद कर लिया गया, जिससे गोली लगने का निशान बनाया गया था। पुलिस को वह नुकीली चाबी भी मिली जिससे मुन्ना लाल ने अपने शरीर पर घाव बनाया था।
पुलिस ने ऐसे किया पर्दाफाश
इस मामले पर बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक डॉक्टर अरविन्द चतुर्वेदी ने बताया कि 7/8 अगस्त की रात को वादी ने 17 लाख रुपए लूट की सूचना दी थी। मामले की गंभीरता देखते हुए नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया और पुलिस की तीन टीमें गठित कर जांच शुरू की गई। वादी निहाल सिंह द्वारा जहां-जहां पैसे दिए गए थे, वहां बार-बार सीसीटीवी कैमरे की बात करना यह शक पैदा कर गया कि कहीं यह झूठ तो नहीं बोल रहा है। इस शक पर पुलिस ने दोनों वादियों से अलग-अलग सख्ती से बात की। तब पता चला कि कोई लूट की वारदात नहीं हुई है। बल्कि रकम हजम करने के लिए दोनों वादियों ने लूट की झूठी कहानी रची है। गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपियों ने यह भी बताया कि वे अपने कर्ज से बहुत परेशान थे और उसके लिए इन्होंने यह खेल खेला।