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सेहत के लिए वरदान से कम नहीं है जौ

नई दिल्ली : जौ ऐसा अनाज है, जिसके सेवन से हमारे शरीर को कई पोषक तत्व तो मिलते ही हैं। साथ ही ये हमें कई बीमारियों से भी बचाता है। जौ, गेहूं की ही जाति का एक अनाज है, लेकिन ये गेहूं की अपेक्षा हल्का और मोटा अनाज है। जौ में मुख्य रूप से लैक्टिक ऐसिड, सैलिसिलिक ऐसिड, फास्फोरिक ऐसिड, पोटेशियम और कैल्शियम उपलब्ध होता है।

95 प्रतिशत लोग मोटापे की समस्या से परेशान रहते हैं। जौ के सत्तू और त्रिफला के काढ़े में शहद मिलाकर पीने से मोटापा समाप्त हो जाता है। इसके अलावा जो व्यक्ति कमजोर हैं, वे जौ को दूध के साथ खीर बना कर खाने से मोटे हो जाते हैं।

जौ सिर्फ आंतरिक ही नहीं, बल्कि बाहरी रूप से भी लाभकारी है। ये रंग को निखारने के लिए वरदान है। जौ का आटा, पिसी हुई हल्दी और सरसों के तेल को पानी में मिलाकर लेप बना लें। रोजाना शरीर में इसका लेप करके गर्म पानी से नहाने से रंग निखरता है।

शुगर को अगर धीमी मौत कहें तो कुछ गलत नहीं होगा। ये बीमारी लोगों की लाइफस्टाइल पर निर्भर करती है। इसलिए इस बीमारी से छुटकारे के लिए आपको हेल्दी डाइट लेने की जरूरत है। शुगर के रोगी जौ के आटे की रोटी और सत्तू बनाकर खा सकते हैं। जौ के आटे में चने का आटा मिलाकर भी खाया जा सकता है।

खराब और दूषित खानपान के चलते अधिकतर लोग पथरी की समस्या से परेशान रहते हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोग जौ को पानी में उबालें। इसे ठंडा करने के बाद रोज 1 ग्लास पिएं। ऐसा नियमित करने से पेट की पथरी गलती है। इसके अलावा ऐसे लोग जौ की रोटी या सत्तू भी ले सकते हैं।

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