नई दिल्ली: खाने पीने व उठने जागने की तरह ही नहाने का सही तरीका होता है। जैसे कि सही तरीके से नहाया जाय तो दिल से लेकर दिमाग तक चंगा रहेगा। वहीं गलत तरीका नहाने पर ब्रेन स्ट्रोक से लेकर हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है
कई बार ऐसा होता है, कि नन्हे बच्चे नहाते समय बहुत कांपते रहते है और रोते रोते उनका चेहरा लाल हो जाता है। इसके अलावा किसी भी बुजुर्ग को नहाते हुए अचानक से उसको सांस लेने में तकलीफ हो या स्ट्रोक जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। तो इन सब का कारण है नहाने का गलत तरीका। नहाते हुए सीधे शावर के नीचे खड़े हो जाना, बाल्टी से सर पर पानी उड़ेल लेना खतरे को बुलाने जैसा होता है। हमारे शरीर में खून का प्रवाह ऊपर से शुरू होकर नीचे पैरों की तरफ होता है।
इसलिए अगर हमेशा सीधे सर में ठंडा पानी डालकर नहाया जाता है तो ये नलिकाएं सिकुड़ने व रक्त के थक्के जमने लगते है। सर में बहुत महीन रक्त नालिकाएं होती हैं, जो दिमाग को रक्त पहुंचाती है। इसलिए ऊपर से पानी डालने की शुरुआत न करे। सिर पर सीधे पानी डालने से हमारा सिर ठंडा होने लगता है, जिससे हृदय को सिर की तरफ ज्यादा तेजी से रक्त भेजना पड़ता है, जिससे या तो बुजुर्ग में हार्ट अटैक या दिमाग की नस फटने की दिक्कत हो सकती है।
ऐसे में नहाने की शुरुआत पैर से करें। यानी पैर के पंजो पर पानी डालने से नहाने की शुरुआत करे। पैर के बाद थाइज पेट हाथ कन्धा और सबसे आखिर में सिर पर पानी डालें।ठीक इसी तरह बच्चे का नियंत्रण तंत्र भी तुरंत प्रतिक्रिया देता है जिससे बच्चे के कांपने से शरीर में गर्मी उत्पन्न होती है। वहीं, हृदय की धड़कन अत्यधिक बढ़ जाती है।