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B’day Spl: ऐसे ही नहीं बन जाता कोई रजनीकांत, ये हैं उनमे खूबियां

सुपरस्टार रजनीकांत हैं तो इंसान ही, लेकिन तमिलनाडु में लोग इन्हें भगवान का दर्जा देते हैं। उन्होंने फिल्मों में अभिनय करके जितना नाम कमाया है, उससे कई ज्यादा शोहरत इन्हें लोगों की भलाई करके मिली है। यही वजह है कि उनके चाहने वाले उनका जन्मदिन भी एक त्यौहार की तरह मनाते हैं। रजनीकांत के 69वें जन्मदिन के मौके पर आपको बताते हैं रजनीकांत से जुड़ी 10 ऐसी खास बातें जो उन्हें खासमखास बनाती हैं।

मातृभाषा अब भी मराठी
रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर 1950 को बंगलूरू में एक मराठा परिवार में हुआ था। इनका पूरा नाम शिवाजी राव गाइकवाड है। इनकी माता एक गृहणी थीं और पिता रामोजी राव गाइकवाड एक पुलिस कॉन्सटेबल। मराठा साम्राज्य के राजा छत्रपति शिवाजी महाराज नाम पर रजनीकांत का नाम शिवाजी रखा गया। ये घर में मराठी और बाहर कन्नड़ भाषा बोलते थे।

टिकट काटने के स्टाइल ने बनाया हीरो
फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखने से पहले रजनीकांत ने कुली, बढ़ई और बस कंडक्टर का काम किया। बस कंडक्टर के रूप में काम करते हुए उनकी तनख्वाह लगभग 750 रुपये थी। बताया जाता है कि बीटीएस की बस में अनोखे ढंग से टिकट काटते हुए एक फिल्म निर्देशक की नजर रजनी पर पड़ी। वहीं से उन्होंने रजनी को अपनी फिल्म में कास्ट करने का फैसला कर लिया।

दोस्त ने सच कराए सपने
रजनीकांत के दोस्त राज बहादुर ने उन्हें अपने सपनों को सच करने और अभिनेता बनने के लिए प्रोत्साहित किया। राज बहादुर के साथ अब भी रजनी का बहुत ही करीबी रिश्ता है। बहादुर ने उन्हें मद्रास फिल्म संस्थान में दाखिला लेने के लिए कहा था।

दुर्योधन के किरदार ने दिलाई शोहरत
रजनीकांत ने मद्रास फिल्म इंस्टीट्यूट से एक्टिंग में डिप्लोमा किया। उन्होंने अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत पौराणिक कन्नड़ नाटकों से की, जिसमें उनकी सबसे प्रमुख भूमिका दुर्योधन की थी। निर्देशक के. बालाचंदर ने उन्हें फिल्म इंस्टीट्यूट में ही एक कन्नड़ नाटक के दौरान देखा था। उसी दिन निर्देशक ने जाने से पहले रजनी को तमिल सीखने के लिए कहा। अपने पाठ्यक्रम के दौरान ही रजनी ने तमिल सीखी।

डॉन का रीमेक कर बने स्टार
अपने करियर की शुरुआत में रजनीकांत ने कई फिल्मों में नकारात्मक किरदार निभाए। उनका पहला सकारात्मक किरदार एस पी मुथूरमन की फिल्म ‘भुवाना ओरू केल्विकुरी’ में देखने को मिला था। उनकी पहली बड़ी कमर्शियल हिट फिल्म बिल्ला है, जो 1978 में आई अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘डॉन’ की रीमेक है।

अंधा कानून से हिंदी सिनेमा में एंट्री
मून्द्रू मूगम रजनी की एक ऐसी फिल्म है जिसमें उन्होंने तीन किरदार निभाए। इस फिल्म में दमदार अभिनय के लिए उन्हें तमिलनाडु सरकार ने बेस्ट एक्टर का अवॉर्ड दिया। टी रामा राव की फिल्म ‘अंधा कानून’ से रजनीकांत ने हिंदी सिनेमा में कदम रखा।

इंटरव्यू करने वाली को दिल दे बैठे
रजनीकांत की पत्नी लता रंगाचारी उनसे 8 साल छोटी हैं। ये दोनों तब मिले थे, जब लता अपने कॉलेज मैग्जीन के लिए रजनीकांत का इंटरव्यू लेने आईं। इन दोनों ने साल 1981 में शादी की। लता अब चेन्नई में ‘द आश्रम’ नाम का स्कूल चलाती हैं। इन दोनों की दो बेटियां ऐश्वर्या और सौंदर्या हैं।

एशिया के सबसे महंगे स्टार
साल 2007 में आई फिल्म ‘शिवाजी: द बॉस’, रजनीकांत की बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्म है। इस फिल्म में एक्टिंग करने के लिए रजनी ने 26 करोड़ रुपये लिए थे। इसी फिल्म ने रजनीकांत को जैकी चैन के बाद एशिया का सबसे ज्यादा पैसे लेने वाला एक्टर बना दिया।

11 साल पहले बनाई पहली पार्टी
रजनीकांत के चाहने वाले पूरी दुनिया में हैं। सिर्फ ट्विटर पर ही सुपरस्टार को 56 लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं। साल 2008 में रजनी के फैंस ने उन्हें राजनीति में भेजने के लिए, एक राजनीतिक पार्टी का गठन कर दिया। लेकिन थलाइवा ने मना कर दिया। बोले, ‘कोई भी मुझे राजनीति में जाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता और न ही मेरा कर्त्तव्य करने से मुझे रोक सकता है।‘ हालांकि बाद में उन्होंने खुद अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई।

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