गरम-गरम चीजें खाने-पीने के शौकीन रहें सावधान, इस कैंसर के होने की बढ़ती है सम्भावना
हम सभी को खाना गरम-गरम पसंद होता है । गरम दाल, गरम चाय, गरमागरम फुलके, छोले, राजमा, समोसे, पकौड़े यहां तक कि सर्दियों में कुछ ज्यादा ही गरम पानी का भी सेवन करने लगते हैं । लेकिन क्या आप जानते हैं जरूरत से ज्यादा गरम चीजों का इस प्रकार सेवन आपके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है । चीन और ब्रिटेन में हुई एक रिसर्च के मुताबिक गरमा गरम चीजें खाने-पीने से एसोफेगल कैंसर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है । इस कैंसर का नाम बहुत ज्यादा सुनने में नहीं आता लेकिन तंबाकू, सिगरेट, शराब पीने वाले व्यक्ति को ये कैंसर होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है । दरअसल इसे आहार नाल का कैंसर कहते हैं जो गले से शुरू होकर पेट तक फैल जाता है ।
भारत में कैंसर संस्थान के विशेषज्ञों के मुताबिक अस्पताल में इलाज के लिए 35-40 साल आयु वर्गके युवाओं में खाने की नली का कैंसर काफी देखा जा रहा है । कई लोगों में ये गरमागरम भोजन और गरम-गरम पेय लेने की आदतों के कारण ही इसका विकास देखा जा रहा है । इस कैंसर के कारकों में साफ्ट-एनर्जी ड्रिंक्स, जंक फूड-पैक्ड फूड भी घातक साबित हुए हैं । ये बेहद ही खतरनाक कैंसर का प्रकार है जो अन्य अंगों को भी अपनी चपेट में ले लेता है ।
ये अंग भी हो सकते हैं प्रभावित
डॉक्टर्स के मुताबिक इस कैंसर की चपेट में श्वास नली और फेफड़े भी आ सकते हैं ।दरअसल खाने की नली के ठीक पीछे श्वास नली और फेफड़े होते हैं । एक्सपर्ट्स के मुताबिक खाने की नली का कैंसर तेजी से फैलता है और ये श्वास नली और फेफड़े को भी चपेट में ले लेता है, जिससे फिस्च्यूला बन जाता है । ऐसी स्थिति में खाना या पानी फेफड़े व श्वांस नली में चला जाता है। यह स्थिति और भयावह हो जाती है ।
ये हो सकती हैं समस्याएं
आहांर नाल का कैंसर होने पर रोगी को खाना या पानी निगलने में दिक्कत होने लगती है । सीने में लगातार जलन होना और खाना अंदर जाने में दिक्कत होती है । रोगी को खाने के तुरंत बाद उल्टी हो सकती है और कुछ को सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है । इसके अलावा इस बीमारी में रोगी को लगातार खांसी रह सकती है । अगर ऐसे लक्षण या समस्याओं से आप जूझ रहे हैं तो इग्नोर ना करें । समय रहते पता लगने पर इलाज करना आसान है।
ईरान और चीन में सबसे ज्यादा मौतें
इस कैंसर पर हुई शोध के अनुसार ईरान और चीन दो ऐसे देश हैं जहां इस कैंसर से लोगों की सबसेज्यादा मौतें हुईं हैं । यहां की जीवनशैली में चाय बहुत अहम स्थान पर है, लोग गरम-गरम चाय पीना बहुत पसंद करते हैं । ऐसे में इन्हें आहार नाल के कैंसर का खतरा सबसे ज्यादा रहता है । इन देशों में इसी खतरे की संभावना की जांच के लिए इस रिसर्च को अंजाम दिया है । वहीं भारत में भी पिछले कुछ सालों में 3 से 4 फसदी की दर से मरीज बढ़ रहे हैं । यहां मरीज आते ही तब हैं जब वो स्टेज 3 तक पहुंच चुके होते हैं । जिसके बाद उन्हें बचाना मुश्किल हो जाता है । पुरुषों में ये खतरा ज्यादा देखा जाता है, एक अनुमान के मुताबिक पुरुषों में आहार नली के कैंसर का खतरा महिलाओं से तीन गुना अधिक होता है ।