कन्या पूजन में बरतें सावधानी, एक गलती से 9 दिन का व्रत हो जायेगा निष्फल
नई दिल्ली : चैत्र नवरात्रि की अष्टमी,नवमी पर कन्या पूजन किया जाता है. इसके बाद ही व्रत पारण करते हैं. कन्या पूजन में कुछ खास बातों का ध्यान रखें, नहीं तो 9 दिन का व्रत निष्फल हो जाएगा.
चैत्र नवरात्रि की अष्टमी 29 मार्च 2023 और महानवमी 30 मार्च 2023 को है. मान्यता अनुसार लोग ये दोनों दिन कन्या पूजन करते हैं. कहते हैं कन्या पूजन के बिना नवरात्रि का व्रत पूजन अधूर होता है.
कन्या पूजन में 2-10 साल तक की ही कन्याओं को निमंत्रण दें. पूजन के लिए कन्याओं की संख्या कम से कम 9 होनी चाहिए. एक बालक को भी भोजन के लिए न्यौता दे. बटुक के बिना कन्या पूजन अधूरा माना गया है, क्योंकि मां दुर्गा के साथ बटुक यानी भैरव की पूजा अनिर्वार्य है.
इन कन्याओं को मां दुर्गा का रूप माना जाता है. ऐसे में भूलकर भी इन्हें डांटें नहीं. अपशब्द न बोलें. कन्याओं के साथ भेदभाव न करें. ऐसा करने वालों को व्रत का फल नहीं मिलता. भोजन खाने के लिए जबरदस्ती न करें, वह जितना खा पाएं उतना ही थाली में परोसें
कन्याओं को एक दिन पहले निमंत्रण दें. घर आने पर इनके पैर धोएं. पूर्व दिशा की ओर मुख करके हल्दी, कुमकुम से टीका करें. लाल चुनरी ओढ़ाएं. अब भोजन के लिए आसन पर बैठाएं.
कन्याओं को भोजन करवाने से पहले भोजन को जूठा न करें. ध्यान रखें भोजन सात्विक होना चाहिए. इसमें लहसून, प्याज का इस्तेमाल न करें. भोजन में हलवा, पूड़ी, खीर, सब्जी जो प्रसाद के लिए बनाया है सभी कन्याओं को खिलाएं. भोजन के बाद कन्याओं को दान दक्षिणा दें, जैसे फल, श्रृंगार सामग्री, मिठाई, नारियल आदि. इन सभी कन्याओं का आशीर्वाद लें और फिर व्रत खोलें.