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फेफड़े का कैंसर होने से पहले शरीर देता है ये इशारे, नहीं जाने तो गए काम से

कैंसर एक बेहद ही गंभीर बिमारी है जिसका नाम सुनते ही अच्छे अच्छे लोगों की हालत खराब हो जाती है। जी हां क्योंकि ये एक जानलेवा बिमारी है यही वजह है की जब लोग इस बिमारी का नाम सुनते हैं तो उनके होश ही उड़ जाते हैं। कैंसर शरीर की कोशिका अथवा कोशिकाओं के समूह की असामान्य एवं अव्यवस्थित वृद्धि हैं, जो एक गाँठ अथवा ट्यूमर का रूप ले लेती हैं। वैसे तो ये बिमारी शरीर के किसी भी अंग में हो सकती है लेकिन आज हम बात करेंगे फेफड़े में होने वाले कैंसर की जी हां दरअसल बताया जाता है की पूरी दुनिया में होने वाले कैंसरों में सबसे अधिक फेफड़े के कैंसर रोगी ही होते है। पूरे विश्व में यह कैंसर प्रतिवर्ष 0.5 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है। 5 से 15 प्रतिशत मामलों में इसके लक्षण दिखाई नही देते।

लेकिन, ज्‍यादातर बिना किसी लक्षण वाले व्यक्तियों में लंग ट्यूमर का पता सीने के सामान्य एक्सरे से लग जाता है। इतना ही नहीं शोध में ये भी पता चला है की ब्रेस्ट एवं प्रोस्टेट कैंसर के मामले में पांच वर्ष तक जीवित रहने की दर 80 प्रतिशत होती है, जबकि फेफड़े के कैंसर के मामले में यह दर 10 प्रतिशत है। दरअसल आपको बता दें की फेफड़े में होने वाला कैंसर शुरूआती चरणों में पहचानना थोड़ा मुश्किल हो जाता है क्योंकि शुरूआती समय में इसके लक्षण दिखाई नहीं देते। लेकिन कुछ लक्षणों के सामने आने पर सही बचाव कर फेफड़ों के कैंसर से बचा जा सकता है।

डॉक्टर इसकी जांच करने के लिए चेस्ट कम्यूटेड टोमोग्राफी यानि की सीटी स्कैनिंग का अधिक प्रयोग करते हैं जिससे लंग कैंसर की जांच के लिए अलग-अलग तरीके अपनाये जाते हैं। अब सवाल ये उठता है की आखिर कैसे पहचाना जाए कि आपको ये बिमारी हो सकती है, इस जानलेवा बिमारी के शुरूआती लक्षण क्या हैं तो आइए जानें,

फेफड़े में होने वाले कैंसर के शुरूआती लक्षण

  1. सबसे पहले लगातार खांसी लाल या थूक के साथ रक्त का आना 2. सीने में दर्द होना 3. सांस लेने में समस्या
  2. शारीरिक व्यायाम के साथ सांस लेने में समस्या और घबराहट महसूस होना
  3. सीने में संक्रमण फैलना 6. रक्त वाहिकाओं पर ट्यूमर के दबाव के असर से चेहरे और गर्दन की सूजन, नसों में दर्द या उस तरफ हाथ में कमजोरी
  4. फेफड़ों के कैंसर के बढ़ने के साथ वजन में कमी, थकान महसूस होना व भूख में कमी होना

ध्यान रहे की अगर आपके सीने के साथ-साथ पीठ और कंधों में भी दर्द हमेशा बना रहता है तो इसे नजरअंदाज न करें क्योंकि ये समस्या लसिकाओं के स्थानांतरण के कारण हो सकता है। सांस लेने में दिक्‍कत के साथ अन्‍य लक्षण भी दिखें तो तुरंत चिकित्‍सक से संपर्क कीजिए। जितनी जल्‍दी इसका निदान हो जाए उपचार में उतनी आसानी होती है। भले ही आप खुद को स्वस्थ महसूस करें, डॉक्टर को जरूर दिखाएं।

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