नई दिल्ली : मौसम बदलते ही बच्चों को सर्दी जुकाम होना आम बात है. खासकर ठंड के मौसम में सर्दी जुकाम के साथ साथ वायरल इंफेक्शन और फ्लू भी बच्चों को जल्दी सताता है. ऐसे में राहत पाने के लिए एंटी बायोटिक दवा देना आम बात है. यूं तो एंटीबायोटिक दवाएं जल्दी असर दिखाती हैं लेकिन इनके साइड इफेक्ट कम ही लोग जानते हैं. खासकर बच्चों के मामले में एंटी बायोटिक दवाओं का ज्यादा यूज खतरनाक हो सकता है।
अगर आप भी बच्चे को एंटीबायोटिक दवा देते हैं तो आपको इन दवाओं के संभावित साइड इफेक्ट जान लेने चाहिए. हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि बिना डॉक्टरी सलाह के बच्चे को बार बार और ज्यादा एंटीबायोटिक दवा देने से बच्चे की सेहत को काफी नुकसान हो सकता है. चलिए जानते हैं कि बच्चे को एंटीबायोटिक दवा खिलाने के क्या नुकसान हो सकते हैं।
बच्चे को ज्यादा एंटीबायोटिक देने पर उसके शरीर में हेल्दी बैक्टीरिया भी खत्म हो जाते हैं जो उसकी सेहत के लिए जरूरी माने जाते हैं. इन बैक्टीरिया के खत्म होने पर बच्चा कई तरह की सेहत संबंधी बीमारियों के रिस्क में आ जाता है।
बच्चे के ज्यादा एंटीबायोटिक दवा देने पर एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस की दिक्कत हो सकती है. ज्यादा दवा देने पर कुछ समय बाद वो दवा शरीर पर असर करना बंद कर देती है जिसे एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस कहते हैं. ऐसे में जब बच्चा ज्यादा बीमार होता है तो ये दवाएं असर नहीं कर पाती और सेहत को खतरा पैदा हो जाता है।
एंटीबायोटिक बच्चे के पाचन तंत्र पर बुरा असर करती है जिससे बच्चे की ग्रोथ पर निगेटिव असर पड़ सकता है. इन दवाओं के चलते बच्चे की बॉडी पोषक तत्वों को सही से डाइजेस्ट नहीं कर पाती और बच्चे की ग्रोथ रुक जाती है।
ज्यादा एंटीबायोटिक देने से बच्चे की इम्यूनिटी भी कमजोर हो सकती है. इससे बच्चा बार बार और जल्दी संक्रमण और बैक्टीरिया की चपेट में आकर बीमार पड़ता है। बच्चों को ज्यादा एंटीबायोटिक देने से बच्चे के पेट पर बुरा असर पड़ता है जिससे डायरिया की समस्या पैदा हो सकती है. ऐसी दवाओं के सेवन से पेट में एसिडिटी की परेशानी भी खड़ी हो सकती है. इसलिए कोशिश करनी चाहिए कि डॉक्टरी सलाह पर ही बच्चे को एंटीबायोटिक दवाएं दे।