जयपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गुरुवार को राजस्थान के सीकर यात्रा से पहले, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मांगों की एक सूची पेश की, और यह भी कहा कि कार्यक्रम के दौरान उनके पूर्व निर्धारित तीन मिनट के संबोधन को पीएमओ द्वारा हटा दिया गया है।
ट्विटर पर गहलोत ने कहा कि उनका संबोधन हटा दिए जाने के कारण, वह अपने भाषण के माध्यम से पीएम का स्वागत नहीं कर पाएंगे, इसलिए वह इस ट्वीट के माध्यम से उनका राजस्थान में हार्दिक स्वागत कर रहे हैं।
मांगों की सूची में जाति जनगणना, ईआरसीपी को राष्ट्रीय दर्जा देना, राष्ट्रीयकृत बैंकों में किसानों के ऋण माफ करना, तीन आदिवासी बहुल जिलों में मेडिकल कॉलेजों को 60 प्रतिशत फंड देना आदि शामिल है।
उन्होंने लिखा, “माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी, आज आप राजस्थान के दौरे पर हैं। आपके कार्यालय पीएमओ ने मेरे पूर्व निर्धारित तीन मिनट के संबोधन को कार्यक्रम से हटा दिया है, इसलिए मैं भाषण के माध्यम से आपका स्वागत नहीं कर पाऊंगा, इसलिए मैं इस ट्वीट के माध्यम से आपका राजस्थान में हार्दिक स्वागत करता हूं।”
राज्य में 12 मेडिकल कॉलेजों को लाने में राजस्थान सरकार की हिस्सेदारी बताते हुए उन्होंने कहा, “आज हो रहे 12 मेडिकल कॉलेजों का उद्घाटन और शिलान्यास राजस्थान सरकार और केंद्र के बीच साझेदारी का परिणाम है। इन मेडिकल कॉलेजों की परियोजना लागत 3,689 करोड़ रुपये है, इसमें से 2,213 करोड़ रुपये केंद्र का हिस्सा है और 1,476 करोड़ रुपये राज्य सरकार का है। मैं राज्य सरकार की ओर से सभी को बधाई भी देता हूं।”
“इस ट्वीट के माध्यम से, मैं उन मांगों को सामने रख रहा हूं जो मैंने इस कार्यक्रम में अपने भाषण के माध्यम रखता। मुझे उम्मीद है कि छह महीने में की जा रही इस सातवीं यात्रा के दौरान आप इन्हें पूरा करेंगे।
1-राजस्थान विशेषकर शेखावाटी के युवाओं की मांग पर अग्निवीर योजना को वापस लेकर सेना में स्थायी भर्ती पहले की तरह जारी रखी जाये।
2- राज्य सरकार ने अपने अधीन सभी सहकारी बैंकों के 21 लाख किसानों का 15 हजार करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर दिया हैै। हमने राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज माफ करने के लिए केंद्र सरकार को एकमुश्त समाधान प्रस्ताव भेजा है, इसमें हम किसानों का हिस्सा देंगे। यह मांग पूरी होनी चाहिए।
3- राजस्थान विधानसभा ने जाति जनगणना के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया है. केंद्र सरकार को इस पर अविलंब निर्णय लेना चाहिए।
4-एनएमसी की गाइडलाइन के कारण हमारे तीन जिलों में खोले जा रहे मेडिकल कॉलेजों को केंद्र सरकार से कोई वित्तीय सहायता नहीं मिल रही है। इनका निर्माण पूरी तरह से राज्य वित्त पोषण से किया जा रहा है। केंद्र सरकार को इन तीन आदिवासी बहुल जिलों में मेडिकल कॉलेजों को 60 प्रतिशत फंड भी देना चाहिए।
5-पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) को राष्ट्रीय महत्व की परियोजना का दर्जा दिया जाये।
उन्होंने कहा, “मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि आप इन मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाएं और आज राज्य के लोगों को आश्वस्त करें।”