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त्योहारी सीजन से पहले RBI ने फिर दिया EMI पर झटका, 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाया रेपो रेट

नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक आज खत्म हो गई. रिजर्व बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में जानकारी दी और उन्होंने रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान किया है. शक्तिकांत दास ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट बढ़ाने की घोषणा की है. इस तरह रेपो रेट में 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्रीय बैंक लगातार रेपो रेट में इजाफा कर रहा है. बीते महीने पांच अगस्त को भी RBI ने रेपो रेट में 0.50 फीसदी का इजाफा किया था.

चौथी बार हुआ इजाफा

आज हुई बढ़ोतरी के मिलाकर केंद्रीय बैंक मई के बाद से रेपो रेट अब तक चार बार इजाफा कर चुका है. इस वजह से रेपो रेट अब 5.90 फीसदी पर पहुंच गया है. इससे पहले यह 5.40 पर था. शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के झटके के बाद एक और तूफान वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा आक्रामक मौद्रिक नीतियों से उत्पन्न हुआ है.

दुनियाभर के सेंट्रल बैंकों ने महंगाई पर काबू पाने के लिए ब्याज दरों में इजाफा किया है. अमेरिकी फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में लगातार 75 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया था. इसकी वजह से रुपये पर दबाव बढ़ गया था.

जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2022-23 (FY23) के लिए अपने सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के ग्रोथ के अनुमान को भी 7.2 फीसदी से घटाकर 7 फीसदी कर दिया है. शक्तिकांत दास ने कहा कि आज महंगाई 7 फीसदी के आसपास मंडरा रही है. हमें उम्मीद है कि साल की दूसरी छमाही में यह 6 फीसदी पर बनी रहेगी.

महंगा हो जाएगा लोन

रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद कर्ज महंगा हो जाएगा, क्योंकि बैंकों की बोरोइंग कॉस्ट बढ़ जाएगी. इसके बाद बैंक अपने ग्राहकों पर इसका बोझ डालेगे. होम लोन के अलावा ऑटो लोन और अन्य लोन भी महंगे हो जाएंगे. रेपो दर (Repo Rate) का सीधा संबंध बैंक से लिए जाने वाले लोन (Loan) और ईएमआई (EMI) से है. दरअसल, रेपो रेट वह दर होती है जिस पर आरबीआई (RBI) बैंकों को कर्ज देता है.

देश में महंगाई दर

देश में खुदरा महंगाई दर लगतार आठवें महीने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की तय लक्ष्य सीमा से ऊपर बनी हुई है. बीते दिनों जारी किए गए खुदरा महंगाई के आंकड़ों को देखें तो अगस्त में यह एक बार फिर से 7 फीसदी पर पहुंच गई है. इससे पहले जुलाई महीने में खुदरा महंगाई में कमी दर्ज की गई थी और यह 6.71 फीसदी पर आ गई थी.

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