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पटना : लोकसभा चुनाव 2024 से पहले विपक्ष ने पटना में अपनी ताकत का प्रदर्शन किया । बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में विपक्ष के करीब 15 प्रमुख नेताओं ने शिरकत की । बताया जाता है कि इस बैठक में भारतीय जनता पार्टी से मुकाबला करने के लिए विपक्ष नई रणनीति बनाने के साथ-साथ अपनी एकजुटता के एजेंडे को आकार दे सकता है।
इस बैठक में मुख्य रूप से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तमिलनाडु के सीएम स्टालिन, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार सहित कई अन्य नेताओं ने भाग लिया ।
विपक्ष के 15 राजनीतिक दलों के नेताओं ने वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनके दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को कड़ी चुनौती देने के मकसद से शुक्रवार को यहां साझा रणनीति पर मंथन किया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की मेजबानी में यह बैठक मुख्यमंत्री आवास ‘1 अणे मार्ग’ पर हुई जिसमें 30 से अधिक विपक्षी नेताओं ने भाग लिया। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक से भाजपा के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की रूपरेखा तैयार करने की शुरुआत हो सकती है। तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा था कि विपक्ष एक परिवार की तरह एकजुट होकर लड़ेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि विपक्षी दल एकजुट होकर आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जो उसूल हैं और हमारी पार्टी की जो आईडियोलॉजी है उसको बिहार कभी नहीं छोड़ सकता और बिहार अगर हम जीत गए तो सारे हिन्दुस्तान में हम जीत जाएंगे।
बैठक से पहले राहुल गांधी ने यहां सदाकत आश्रम में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि विपक्षी दल एकजुट होकर भाजपा को हराने जा रहे हैं। भाजपा पर निशाना साधते हुए गांधी ने कहा कि भाजपा नफरत और हिंसा फैलाने का काम करती है, जबकि कांग्रेस लोगों को जोड़ने का काम करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का मानना है कि नफरत को नफरत नहीं, बल्कि मुहब्बत ही काट सकती है, यही कारण है कि हम मुहब्बत की बात करते हैं।