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‘पाकिस्तान में हिंदू या ईसाई होना अपराध’, कार्यकर्ता अयूब मिर्जा ने बताई अल्पसंख्यकों की हकीकत

लंदन: पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) के एक प्रमुख कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की आवाज की मई 2025 की रिपोर्ट का विश्लेषण किया है। इसमें देश के बहुसंख्यकवादी ढांचे के तहत पाकिस्तान में धार्मक अल्पसंख्यकों, विशेष रूप से हिंदुओं, ईसाइयों, सिखों और अहमदियों की बिगड़ती स्थिति पर जोर डाला गया है।

कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने पाकिस्तान पर दंड से मुक्ति की संस्कृति को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है, जिसमें ईशनिंदा कानूनों के द्वारा संरक्षित मुसलमानों को कथित तौर पर हत्या का लाइसेंस है। पाकिस्तान दंड संहिता की धारा 295 का हवाला देते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे ईशनिंदा के साधारण आरोपों पर भी गिरफ्तारी, लिंचिंग या मृत्युदंड भी हो सकता है। इसके उदहारण में उन्होंने आसिया बीबी और पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर और ईसाई मंत्री शहबाज भट्टी की हत्या का जिक्र किया।

रणनीति के तहत अल्पसंख्यकों पर हमला
रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ मई 2025 में धार्मिक उत्पीड़न के कम से कम 43 मामले दर्ज हुए। इसमें सिंध के मीरपुर खास में हिंदु समुदाय के खिलाफ और लाहौर में ईसाई महिलाओं के खिलाफ प्लानिंग के तहत की गई हिंसा भी शामिल है। गौरतलब है कि कसूर, सियालकोट और लाहौर समेत अन्य जिलों में अहमदिया समुदाय पर भी छह बार हमला किया गया, जिसमें से कई बार कथित तौर पर बार एसोसिएशन, तहरीक-ए-लब्बैक और पुलिस अधिकारियों द्वारा किए गए थे।

जबरन इस्लाम कबूल कराने का आरोप
अमजद अयूब मिर्जा ने ये भी बताया कि कैसे 12 साल की आयु में ही अल्पसंख्यक लड़कियों का अपहरण किया जाता है और उन्हें इस्लाम धर्म कबूल करने के लिए मजबूर किया जाता है। मिर्जा ने सिंध विधानसभा का उदहारण देते हुए कहा कि एमपीए फैसल ने हिंदुओं को गोमांस खाने के लिए मजबूर करने की रिपोर्टों को सत्यापित किया, जो उनके धार्मिक विचारों के लिए बेहद प्रतिकूल है।

मंदिर, गुरुद्वारों और चर्चों में हमेशा तोड़फोड़
अपने विश्लेषण में मिर्जा ने आगे कहा है कि शारीरिक हिंसा से परे अल्पसंख्यकों को एक रणनीति के तहत सिविल सेवाओं, शिक्षा और राजनीतिक भागीदारी से दूर रखा जाता है। कई अल्पसंख्यकों को निम्न कार्य जैसे की सफाई जैसे कम सैलरी वाली नौकरियों में फंसा दिया जाता है और वे बेसिक सुविधाओं से भी वंचित रह जाते हैं । इसके अलावा मंदिर, गुरुद्वारों और चर्चों में हमेशा तोड़फोड़ की जाती है या उनपर अवैध तरीके से कब्जा कर लिया जाता है। पाकिस्तानी मीडिया पर निशाना साधते हुए मिर्जा ने कहा कि देश की मीडिया आउटलेट दिवाली या क्रिसमस जैसे त्योहारों की कवरेज को नजरअंदाज करते हैं या दबा देते हैं।

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