उत्तर प्रदेशराज्य

बदायूं में बच्चों को हाथों की स्वच्छता के बताये फायदे

स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पीएसआई इण्डिया व केनव्यू के सहयोग से चलाया जा रहा जागरूकता कार्यक्रम

बदायूं : विश्व हाथ स्वच्छता दिवस के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में पापुलेशन सर्विसेज इंटरनेशनल इण्डिया, केनव्यू और अन्य सरकारी विभागों के सहयोग से जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सप्ताह भर चलने वाले इस कार्यक्रम के तहत बुधवार को प्राथमिक विद्यालय आरिफपुर नवादा में बच्चों को हाथों की स्वच्छता से जुड़ी प्रमुख जानकारी दी गयी और उसके महत्व को समझाया गया। इसके अलावा ब्रह्मपुर में छाया नगरीय स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण सत्र के दौरान शून्य से पांच साल तक के बच्चों को हाथों को स्वच्छ रखने के तरीकों और उसके लाभ के बारे में चर्चा हुई।

पीएसआई इण्डिया और केनव्यू के सहयोग से चलाये जा रहे “डायरिया से डर नहीं” कार्यक्रम के तहत प्राथमिक विद्यालय आरिफपुर नवादा में प्रधानाचार्य संजीव सिंह ने बच्चों को बताया कि डायरिया समेत कई अन्य संक्रामक बीमारियों से बचाने के लिए हाथों की स्वच्छता बहुत जरूरी है। इसीलिए चिकित्सक माता-पिता व देखभाल करने वालों को सलाह देते हैं कि छोटे बच्चों को कुछ भी खिलाने- पिलाने और गोद लेने से पहले हाथों को साबुन-पानी से जरूर अच्छी तरह से धुल लें। इसके साथ ही बच्चों के भी हाथों को साफ़ रखना चाहिए। सही तरीके से हाथ धोने के चरण भी बताये गए, जैसे- हाथों को पानी से गीला करना, साबुन लगाना, झाग बनाना, रगड़ना, धुलना और सुखाना।

ब्रह्मपुर में छाया नगरीय स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण सत्र के दौरान चिकित्सा अधिकारी डॉ. ज्योति सिंह ने बताया कि कीटाणु और गंदगी 20 सेकेण्ड तक साबुन-पानी से सही तरीके से हाथ धुलने से ख़त्म हो जाते हैं। खाना खाने से पहले और बाद में, शौचालय के बाद, खांसने-छींकने के बाद, कचरे के निस्तारण के बाद, जानवरों की देखभाल के बाद और बीमार व्यक्ति से सम्पर्क व देखभाल से पहले और बाद में हाथों की स्वच्छता का खास ख्याल जरूर रखना चाहिए ताकि किसी भी तरह के संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सके। इस मौके पर पुष्पा (एएनएम), पूनम (आशा), नसीम बनो, नूर बानो (आंगनबाड़ी) तथा पीएसआई इंडिया से शशांक दुबे और दानिश आदि उपस्थित रहे। इससे पहले मंगलवार को आंगनबाड़ी केंद्र पटियाली सराय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। यहाँ पर हाथों की स्वच्छता के बारे में बताने के साथ ही डायरिया से बचाव में ओआरएस की अहम भूमिका पर भी चर्चा हुई।

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