एक साथ कई अफेयर और पार्टनर से धोखा अब नॉर्मल; HC ने सोशल मीडिया को बताया जिम्म्मेदार
नई दिल्ली: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले सप्ताह एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि देश के युवा पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण करते हुए विपरीत लिंग के साथ संबंधों के लालच में अपना जीवन बर्बाद कर रहे हैं। यहां उन्हें कोई वास्तविक जीवनसाथी नहीं मिल पाता है। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कहा “इस देश में युवा सोशल मीडिया, फिल्मों, टीवी धारावाहिकों और दिखाए जा रहे वेब सीरीज के प्रभाव में अपने जीवन के सही मार्ग के बारे में निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। वे अपने सही साथी की तलाश में अक्सर गलत व्यक्ति की संगति में फंस जाते हैं। सोशल मीडिया और फिल्में दिखाते हैं कि जीवनसाथी के साथ बेवफाई सामान्य है। इससे युवाओं की कल्पना भड़क जाती है। वे इसका प्रयोग करना शुरू कर देते हैं, लेकिन ये सामाजिक मानदंडों में फिट नहीं बैठते हैं।”
कोर्ट ने एक लड़की को कथित तौर पर आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में आरोपी (प्रेमी) को जमानत देते हुए ये टिप्पणियां की हैं। कोर्ट ने पाया कि पीड़िता कई लड़कों के साथ प्रेम प्रंसग में बंधती गई। बाद में अपने परिवार के विरोध करने पर उसने आत्महत्या कर ली। अपने 7-पेज के आदेश में पीठ ने यह भी कहा कि पश्चिमी संस्कृति का पालन करने के परिणामों से अनजान युवा पीढ़ी सामाजिक मान्यता से वंचित होने के बाद सोशल मीडिया, फिल्मों आदि पर प्रसारित होने वाले रिश्तों में प्रवेश कर रही है। इस दौरान साथी की पसंद से उनका मोहभंग हो जाता है।
कोर्ट ने आगे कहा, “जब उन्हें उस स्थिति से बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिलता है तो वे कभी-कभी समाज के खिलाफ, कभी-कभी अपने माता-पिता के खिलाफ और कभी-कभी अपनी पसंद के साथी के खिलाफ भी व्यवहार करते हैं।”भारतीय परिवारों द्वारा ऐसे रिश्तों को स्वीकार न करने के संबंध में कोर्ट ने कहा कि भारतीय समाज इस बात को लेकर भ्रम की स्थिति में है। उन्हें यह नहीं पता है कि अपने छोटे बच्चों को पश्चिमी मानदंडों को अपनाने की अनुमति दी जाए या उन्हें भारतीय संस्कृति की सीमा के भीतर मजबूती से रखा जाए।