प्रदर्शन के नाम पर विपक्ष कर रहा नाटक, बन्द पूरी तरह से फ्लॉप साबित: केशव मौर्य
लखनऊ : उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंगलवार भारत बन्द के नाम पर सियासत कर रहे विरोधी दलों पर हमला बोलते हुए उनके बन्द व प्रदर्शन को पूरी तरह से फ्लॉप करार दिया है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष सिर्फ किसानों को गुमराह और नाटक कर रहा है। हकीकत में अपनी सरकार में इन दलों ने हमेशा किसानों का शोषण किया। उन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के आरोपों पर कहा प्रदेश का किसान और जनता उन्हें एक नहीं कई बार नकार चुकी है।
उपमुख्यमंत्री मौर्य ने कहा कि जो राजनीतिक दल भारत बन्द के समर्थन का नाटक कर रहे हैं, वह दोहरा चरित्र अपना रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये लोग किसानों के जन्मजात विरोधी हैं। इन्होंने किसानों के हित में कभी काम नहीं किया और अन्नदाताओं को दुर्गति की ओर धकेलने का काम किया है।
विपक्षी दल किसानों के समर्थन में नहीं भाजपा और मोदी जी के विरोध में हैं किसान अन्नदाता है उनकी आमदनी बढ़ाना उनका जीवन स्तर ऊँचा उठाना और बातचीत से समाधान निकालना ही प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी और सरकार का लक्ष्य विपक्ष की कोशिश के बाद भी भारत बंद फ्लाप हो गया
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) December 8, 2020
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि इन दलों ने अपनी सरकार में हमेशा किसानों के साथ अन्याय और अत्याचार ही किया है। जब अपनी मांगों को लेकर किसान इनकी सरकार में जाते थे, उनके साथ अन्याय, अत्याचार होता था। लाठीचार्ज किया जाता था।
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उन्होंने कहा कि इसके विपरीत भाजपा सरकार लगातार किसानों से बातचीत कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो भी फैसला किया गया है, वह पूरी तरह से किसान और कृषि के हित में है। विपक्ष दल अपनी सियासत के कारण किसानों को गुमराह करते हुए बन्द को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका बन्द पूरी तरह से फ्लॉप साबित हो चुका है।
जनता अखिलेश यादव को नकार चुकी है
उपमुख्यमंत्री ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव सोमवार को स्वयं धरना देने और सरकार पर आरोप लगाने पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा को अभी भी इस बात का एहसास नहीं है कि जनता उसे पूरी तरह नकार चुकी है। किसानों, गरीबों, मजदूरों, उत्तर प्रदेश वासियों ने उसे बार-बार नकारा है।
बुआ-भतीजे मिलकर लड़ रहे थे : उपमुख्यमंत्री
पार्टी को इस बात को याद करना चाहिए कि 2014 का लोकसभा चुनाव जब वह सत्ता में थे, तब उन्हें हार नसीब हुई। 2017 का विधानसभा चुनाव जब वह 300 से ज्यादा सीटें जीतने की बात कर रहे थे, तब हारे हैं। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनाव में जब बुआ-भतीजे मिलकर लड़ रहे थे और नरेन्द्र मोदी जी को प्रधानमंत्री बनने से रोकना चाह रहे थे, तब भी उत्तर प्रदेश और देश की जनता ने भाजपा को खुलकर समर्थन दिया और यह लोग चुनाव हारे।
भाजपा ने छह सीटें जीतकर रिकॉर्ड कायम किया
प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव की बात करें, तो ये लोग इसे सेमीफाइनल बता रहे थे, उसमें भी इनकी हार हुई। हाल ही में हुए विधान परिषद चुनाव की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी ने छह सीटें जीतकर रिकॉर्ड कायम किया है। इसलिए अखिलेश यादव और उनकी पार्टी को याद रखना चाहिए कि किसी नाटक से इन्हें किसानों का समर्थन मिलने वाला नहीं है। इनकी नीति हमेशा से ही किसान विरोधी रही है।
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